पटना : लांस एजेल्स डिपार्टमेंट ऑफ वाटर एंड पावर (एलएडीडब्लूपी) के साथ वर्चुअल डॉयलॉग को बढ़ाते हुए सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टटीज (सीएसआईएस) के विशेषज्ञ अक्षत सिंह औऱ सीएसआईएस के वरिष्ठ सलाहकार रिचर्ड एम. रोसो के साथ बिहार स्टेड पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (बीएसपीएचसीएल) के मुख्यालय में गुरुवार को उर्जा विभाग प्रधान सचिव सह सीएमडी, बीएसपीएचसील संजीव हंस की अध्यक्षता में परस्पर जानकारी के आदान प्रदान और विचार विमर्श के लिए एक बैठक हुई।

इस अवसर पर एसबीपीडीसीएल के एमडी महेंद्र कुमार और एनबीपीडीसीएल के एमडी डॉ आदित्य प्रकाश सहित ट्रांसिमिशन कंपनी के निदेशक, मुख्य अभियंतागण, एवं प्रोजेक्ट सलाहकार भी मौजूद थे। इस दौरान बीएसपीएचसीएल द्वारा पावर प्वाइंट प्रजेंटशन के जरिये बिहार में बदले हुए उर्जा क्षेत्र के परिदृश्य के विषय में जानकारी दी गई। इस प्रजेंटेशन में बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों पर खासतौर से जोर दिया गया। उर्जा क्षेत्र में हुई उल्लेखनीय प्रगति की चर्चा की गई जिसमें हर घर तक बिजली पहुंचाने के लिए किये गये कार्य का जिक्र भी किया गया।

बीएसपीएचसीएल के सीएमडी संजीव हंस ने बताया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग के क्षेत्र में बिहार न केवल देश में बल्कि वैश्विक स्तर पर उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। प्रीपेड मीटर को लेकर न सिर्फ एक मजबूत प्रणाली विकसित की गई है बल्कि व्यवहारिक तौर पर इसका सफल कार्यान्वयन भी किया जा रहा है। श्री हंस ने कहा कि अब तक बिहार के शहरी और ग्रामीण इलाकों में लगभग 25 लाख मीटर लगाए जा चुके हैं। विभिन्न जागरूकता अभियान की सहायता से उपभोक्ताओं ने स्मार्ट मीटर को सहर्ष स्वीकार किया है। 2024 तक बिहार में इसे स्मार्ट मीटर इंस्टालेशन कार्य को पूरा करने का लक्ष्य है। बैठक में घरों की छतों पर सौर उर्जा संयत्र लगाने, बैटरी स्टोरेज और वितरित उर्जा के संबंध में कार्ययोजना पर भी विस्तृत चर्चा की गई, जो काफी लाभदायक रही।

श्री हंस ने बताया कि एनर्जी ट्रांजिशन के इस दौर में अब इन क्षेत्रों का महत्व बढ़ गया है। यह भी निर्णय हुआ है कि आगे भी सीएसआईएस एवं बीएसपीएचसीएल आपस में इस विषय पर अपनी जानकारी का आदान प्रदान करते रहेंगे।एसबीपीडीसीएल के एमडी महेंद्र कुमार ने बताया कि लॉस एंजेल्स डिपार्टमेंट ऑफ वाटर एंड पावर (एलएडीडब्ल्यूपी) ने बिहार में ग्रिड स्टेबलाइजेशन, कार्यबल की चुनौतियां, बैटरी स्टोरेज, प्रीपेड मीटरिंग और इलेक्ट्रॉनिक व्हीक्ल इंफ्रास्ट्रक्चर की चुनौतियां, और वितरित उर्जा के लिए नीति क्षेत्र जैसे छह क्षेत्रों की पहचान की है जहां सहयोग की क्षमता है।