पटना : बिहार में हिंदुओं के साथ भेदभाव को लेकर प्रदेश भाजपा के नेता शनिवार को राजभवन पहुंचे और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलकर ज्ञापन सौंपा। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार प्रदेश में हिंदुओं के धर्मान्तरण, लव- जिहाद के द्वारा दलित पिछड़ों के साथ शोषण तथा हिंदुओं के त्योहार पर अघोषित पाबंदी लगाकर हिंदुओं के साथ भेदभाव बरता जा रहा है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के नेतृत्व में राजभवन जाने वाले नेताओं में सांसद राम कृपाल यादव, दीघा विधायक संजीव चौरसिया , बेगूसराय विधायक कुंदन कुमार, पूर्व विधायक शिवेश राम, प्रदेश मंत्री संतोष रंजन राय, मीडिया प्रभारी दानिश इक़बाल एवं मीडिया सह प्रभारी अमित प्रकाश बबलू शामिल रहे। इन नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर बेगूसराय एवं बिहार की स्थिति के बारे में अवगत कराया तथा एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि सरौजा में मुस्लिम समुदाय के युवकों द्वारा हिंदू भेष और टीका लगाकर जिस प्रकार लगातार दलित एवं पिछड़े वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के भोले भाले बच्चियों को अपहरण कर सुनियोजित रूप से शादियां की जा रही है यह चिंता का विषय है। बीरपुर प्रखंड के सरौजा गांव में क्रमिक रूप से पांच दलित बच्चियों को अगवा कर उनसे धर्म परिवर्तन कराकर शादियां की गई। इन घटनाओं के पीछे सबसे दुखद पहलू यह है कि राज्य सरकार संपोषित जिला प्रशासन इसका खुलेआम संरक्षण कर रही है और इसका विरोध करने वाले हिंदुओं को झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेज रही है । ज्ञापन में आगे लिखा गया है कि फुलवारीशरीफ के पीएफआई मॉडल अपने विभिन्न स्वरूप में पूरे प्रदेश में जड़ जमा रही है तथा उसे राज्य सरकार का प्रत्यक्ष समर्थन मिल रहा है। इसी कारण प्रदेश भर में विशेषकर दलित, पिछड़ों में भय तथा अराजकता का माहौल बनता जा रहा है।
कहा यह भी गया है कि बड़ी संख्या में इन घटनाओं को दलित और पिछड़ा समुदाय अपनी नियति मानकर उसी स्थिति में जीने को विवश है, हिन्दुओं के त्योहारों पर अघोषित पाबंदी, दलित, पिछड़े तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों पर लव जिहाद के माध्यम से शोषण और हमला तथा राज्य सरकार के द्वारा ऐसे तत्वों को खुला समर्थन चिंता का विषय है।ज्ञापन के अंत में कहा गया है कि बिहार सरकार के द्वारा अपने राजनीतिक लाभ के लिए एक बड़े हिंदू समुदाय विशेष कर दलित और पिछड़े वर्ग पर हो रहे अत्याचार, शारदीय नवरात्र से प्रारंभ दुर्गा पूजा और त्योहारों के महीने में अघोषित पाबंदी तथा प्रदेश भर में पूजा समितियों पर अघोषित पाबंदी संविधान में हिन्दुओं के धार्मिक तथा नागरिक स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार है। राज्यपाल महोदय से अनुरोध किया गया है कि प्रदेश हित में इन विषयों पर सीधा संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करने का निर्देश देने की कृपा की जाए।