पटना : मिशन टू करोड चित्रांश के राष्ट्रीय अध्य्क्ष राजेंद्र कर्ण उपाध्यक्ष नीलिमा सिन्हा, राजेश कुमार कंठ, महिला प्रकोष्ठ अध्य्क्ष श्वेता श्रीवास्तव ,कर्ण कायस्थ कल्याण मंच के अध्यक्ष के बी लाल, महासचिव बैधनाथ लाल दास सचिव अमित कुमार लाभ, बिनित कुमार चित्रांश जागरूकता मंच के अध्यक्ष सतीश कुमार सिन्हा,महासचिव , उपाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, महासचिव बिंदु भूषण श्रीवास्तव ने महागठबंधन में शामिल दलों के कायस्थ नेताओ से पूछा है कि वे कायस्थ समाज को बताए की उनकी सरकार द्धारा घोषित जातिगत जनगणना में कायस्थों की संख्या से वे सब संतुष्ट है।
महागठबंधन में शामिल दलों के कई नेता कायस्थ संगठन भी चलाते हैं आज किसी ने कही यह नही कहा कायस्थ की संख्या जो पेश की गई वो सही है की गलत। चूंकि जो कायस्थों की संख्या बताई गई है उससे अधिक कायस्थ मिथिलांचल में ही है। जहानाबाद, गया,आरा सासाराम, छपरा, सिवान, वैशाली और बाहर रह रहे कायस्थों की गणना सही से हो तो कायस्थों की संख्या दो प्रतिशत से अधिक हो जाएगी। कई कायस्थ संगठनों ने सबूत के साथ कहा है कि लगभग सत्तर फीसदी लोग के यहां जनगणना के लिए कोइ टीम गई ही नही। महागठबंधन में शामिल कायस्थ नेताओं को इस पर आपत्ति भी दर्ज कराएंगे। लेकिन किसी ने आज तक सही या गलत कहने के लिए भी तैयार नहीं है।इन नेताओ ने कहा कि सभी दल यहां तक कि एनडीए भी कायस्थों के साथ मजाक ही कर रहें है।
2005 में जब बीजेपी सरकार में आई तो उसने भी कायस्थ विधायक रहते हुए भी किसी को मंत्री नही बनाया। एनडीए को चाहिए कि कायस्थ की गिनती में जो हेराफेरी हुई है उसको उजागर करने के लिय अपने बिहार कार्यालय व जिला कार्यालय में आवेदन मांगना चाहिए। लेकिन भाजपा भी इस मुद्दे पर राजनीति ही कर रही है। अगले महिने में दशहरा के बाद कायस्थ समाज के लोग राजनीतिक दल के नेताओं के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे।