भुवनेश्वर : अभी तक अधिकतर चक्रवातों ने मई के महीने में दस्तक दी थी। इसी तरह की रवायत को देखते हुए साल 2023 का पहला चक्रवात भी मई के महीने में आने की आशंका जताई गई है। अमेरिकी मौसम पूर्वानुमान मॉडल ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (जीएफएस) और यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम-रेंज वेदर फोरकास्ट (ईसीएमडब्ल्यूएफ) ने पूर्वानुमान लगाया है कि मई के दूसरे सप्ताह में बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवात बनने के आसार हैं। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, कुछ प्रणालियों ने इसके एक चक्रवात होने का पूर्वानुमान जताया है। हम नजर रख रहे हैं I नियमित रूप से अपडेट उपलब्ध कराया जाएगा I यदि यह चक्रवात सक्रिय होता है तो यह ‘मोचा’ नाम से जाना जाएगा। विंडी के मौसम पूर्वानुमान मॉडल के मुताबिक चक्रवात मोचा के 11 मई तक बनने की आशंका जताई गई है। वहीं अंतरराष्ट्रीय मौसम वैज्ञानिकों ने मई के दूसरे सप्ताह में तूफान आने की आसार जताए हैं। इस सप्ताह के अंत तक या अगले सप्ताह की शुरुआत में दक्षिण बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है। वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि कम दबाव के चक्रवाती तूफान का रूप लेने की प्रबल आशंका है। इस चक्रवात का असर पूर्वी भारत से लेकर बांग्लादेश और म्यांमार तक रहने के आसार हैं। मौसम वैज्ञानिक कम दबाव में हो रहे बदलाव पर नजर बनाए हुए हैं।

ओडिशा के CM ने की हाई लेवल मीटिंग

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर चक्रवात से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों से किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा। पटनायक ने दो मई, 2019 को ओडिशा में आए चक्रवात फणी का जिक्र करते हुए कहा कि गर्मियों में चक्रवातों के संभावित मार्ग का निर्धारण मुश्किल होता है I उन्होंने अधिकारियों को सलाह दी कि आवश्यक हुआ हो तो निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करें और चक्रवात के बाद के राहत कार्यों की योजना तैयार रखें I पटनायक ने मुख्य सचिव पीके जेना को नियमित रूप से स्थिति की समीक्षा करने और विशेष राहत आयुक्त सत्यव्रत साहू को सभी विभागों और जिलों के साथ समन्वय के साथ काम करने को कहा I

अधिकारियों ने दी तैयारियों की जानकारी

जेना ने कहा कि अगर राज्य में कोई चक्रवात आता है तो राज्य सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा कि कोई भी मौत नहीं हो I उन्होंने कहा, इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है I चक्रवात आश्रय स्थल तैयार हैं और स्कूल भवनों सहित सुरक्षित स्थानों की पहचान कर ली गई हैI वहीं, साहू ने कहा कि सभी जिलों में 24 घंटे काम करने वाले नियंत्रण कक्ष पहले ही शुरू कर दिए गए हैं I उन्होंने कहा, 18 तटीय और आसपास के जिलों के जिलाधिकारियों को भी तैयार रहने के लिए कहा गया है I उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की कुल 17 टीमों और ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल की 20 टीमों को तैयार रखा गया है I

भुवनेश्वर से सुजाता झा की रिपोर्ट