बिहार में 8 महीने के अंदर 5000 से अधिक लड़कियां लापता हो गयीं है। एक डाटा के अनुसार करीब 6000 बच्चे गुमशुदा पाए गए हैं। कुल गायब बच्चों में 85 % लड़कियां है।
पटना : बिहार में जनवरी 2023 से लेकर अगस्त 2023 तक बीते महीनों में 5958 बच्चे गुमशुदा पाए गए हैं। इनमे सर्वाधिक 5117 लड़कियां और 841 लड़के हैं। भारत सरकारके के वेब पोर्टल trackthemissingchildgov.in पर इनसे संबंधित जानकारियां दर्ज की गई है। बिहार पुलिस ने पोर्टल पर दर्ज गुमशुदा बच्चों की पड़ताल के बाद इनमें से 2416 लड़कियां और 383 लड़के सहित 2799 बच्चों को ढूंढ़ निकला है। अब भी पोर्टल पर दर्ज लापता 3145 बच्चों की बरामदगी का प्रयास जारी है।
एडीजी जीतेन्द्र सिंह गंगवार बोले …..
बिहार पुलिस के एडीजी जीतेन्द्र सिंह गंगवार ने बताया कि ट्रैक द मिसिंग चाइल्ड डॉट जीओवी डॉट इन वेब पोर्टल पर गुमशुदा, अपहृत व बरामद बच्चों से संबंधित डेटा अपलोड किया जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर इसके लिए चाइल्डलाइन (1098 ) कार्यक्रम बनाया गया है और भारत सरकार के महिला बल विकास मंत्रालय के अधीन चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन इस कार्यक्रम का संचालन करती है। इसके द्वारा देखभाल एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों को 24 घंटे सुरक्षा एवं संरक्षण देने का काम किया जाता है।
डीएम एडवाइजरी बोर्ड के अध्यक्ष, एसपी सदस्य
एडीजी ने बताया कि प्रत्येक जिले में इस सेवा के सुचारु संचालन हेतु डीएम की अध्यक्षता में चाइल्डलाइन एडवाइजरी बोर्ड गठित है। पुलिस अधीक्षक इसके सदस्य हैं। प्रत्येक थानाध्यक्ष को संबंधित थाना का पदेन किशोर कल्याण पदाधिकारी नामित किया गया है। मुख्यालय स्तर पर सीआईडी कमजोर वर्ग के द्वारा पोर्टल नियमित मॉनिटरिंग की जाती है। गुमशुदा बच्चों का राष्ट्रीय स्तर पर मिलान सुनिश्चित कर उनको परिवार को सुपुर्द किया जाता है। एडीजी ने कहा कि बच्चे किस कारन से गुमशुदा हो रहे हैं और किन राज्यों में उनकी बरामदगी हो रही है, उससे संबंधित आंकड़ों का मुख्यालय के स्तर पर विश्लेषण किया जा रहा है। साथ ही हर महीने के 15 -16 तारीख को थाना स्तर पर अपहृत व गुमशुदा बच्चों के घर जाकर उनके संबंध में संबंधित अभिभावकों के संपर्क कर भौतिक सत्यापन हेतु विशेष अभियान चलाने का आदेश दिया गया है।