मुख्य बिन्दु
• प्रभावित जिलों के प्रखण्ड, पंचायत एवं गॉव स्तर तक सुखाड़ की स्थिति का बारिकी से शीघ्र आंकलन करायें और सभी प्रभावित किसानों को सहायता देने के लिए पूरी तैयारी रखें।
अल्प वर्षापात के कारण उत्पन्न संभावित सूखे की स्थिति में प्रभावित किसानों को हरसंभव मदद की तैयारी करें।
• डीजल अनुदान योजना के तहत जो बचे हुए आवेदक हैं, उन्हें डीजल अनुदान का लाभ तेजी से दिलाएं।
• वैकल्पिक फसल योजना के तहत बचे हुये किसानों को जल्द से जल्द बीज उपलब्ध करायें ताकि कृषि कार्य में राहत मिल सके।
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में राज्य में अल्प वर्षापात के कारण उत्पन्न स्थिति एवं आपदा प्रबंधन विभाग के कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से संभावित सुखाड़ की स्थिति को लेकर विस्तृत जानकारी ली। बैठक में कृषि विभाग के सचिव एन0 सरवन कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अल्प वर्षापात के कारण उत्पन्न स्थिति की जिलावार प्रखण्डवार जानकारी दी। उन्होंने जिलावार 01जून से 10 सितम्बर तक धान के रोपनी की स्थिति एवं वर्षापात के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों का बारिकी से आंकलन किया जा रहा है ताकि किसानों को जल्द से जल्द राहत दिया जा सके। डीजल अनुदान योजना के अंतर्गत 08 लाख 17 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें से 04 लाख 52 हजार आवेदकों के खाते में 82.13 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित कर दी गयी है। शेष आवेदकों की जांच तेजी से की जा रही है और जल्द ही उनके खाते में राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि आकस्मिक फसल योजना के तहत 12 प्रकार की फसल के बीज किसानों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं। 02 लाख 78 किसानों को बीज वितरित किया जा चुका है। शेष इच्छुक किसानों के बीच 20 सितम्बर तक बीज का वितरण कर दिया जायेगा। आकस्मिक फसल योजना के तहत बीज वितरण से 01 लाख 18 हजार हेक्टेयर में फसलों का आच्छादन हो सकेगा, इससे किसानों को लाभ होगा।
बैठक में आपदा प्रबंधन सह जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से आपदा प्रबंधन विभिन्न योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इस वर्ष वज्रपात के कारण हुयी लोगों की मृत्यु के संबंध में जानकारी दी। तड़ित चालक लगाने हेतु सरकारी भवनों एवं संस्थानों को चिन्हित किये जाने के संबंध में जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्प वर्षापात के कारण उत्पन्न स्थिति का हमने हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लिया और कुछ जिलों में सड़क मार्ग से जाकर भी स्थिति का जायजा लिया, उस दौरान कुछ किसानों से भी बात हुयी है। उन्होंने कहा कि प्रभावित जिलों के प्रखण्ड, पंचायत एवं गाँव स्तर तक शीघ्र सुखाड़ की स्थिति का बारिकी से आंकलन करायें और सभी प्रभावित किसानों को हरसंभव मदद देने की तैयारी करें। उन्होंने कहा कि जितने क्षेत्रों में धान की रोपनी हुई है उसकी सिंचाई के लिये किसानों को डीजल अनुदान का लाभ दिया जा रहा है। खीजल अनुदान योजना के तहत जो बचे हुए आवेदक हैं, उन्हें डीजल अनुदान का लाभ तेजी से दिलाएं। इधर कुछ दिनों से वर्षा हो रही है। इससे रोपाई किये गये धान के फसलों को भी लाभ होगा साथ ही भूजल स्तर भी ठीक होगा। उन्होंने कहा कि अल्प वर्षापात के कारण जो खेती नहीं कर पाये हैं, उन्हें भी मदद की जा रही है। वैकल्पिक फसल योजना के तहत किसानों को बीज उपलब्ध कराये जा रहे हैं जो बचे हुये किसान हैं उन्हें जल्द से जल्द बीज उपलब्ध करायें ताकि किसानों को कृषि कार्य में राहत मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को हरसंभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों को आश्वस्त करना होगा कि आपदा की स्थिति में सरकार उन्हें हरसंभव मदद देगी। हमलोग बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति में हर वर्ष प्रभावित लोगों को मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि वज्रपात के कारण लोगों की मृत्यु हो जाती है, जो अत्यंत दुखद है। संदेश के माध्यम से वज्रपात की चेतावनी लोगों को दी जाती है ताकि वे सर्तक रहें। आँगनबाड़ी सेविका, जीविका समूह, कृषि समन्वयक, कृषि सलाहकार आदि के माध्यम से लोगों को इसके संबंध में जागरूक करायें। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें। खराब मौसम होने पर वज्रपात से बचाव के लिये आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किये गये सुझावों का अनुपालन करें। खराब मौसम में घरों में रहें और सुरक्षित रहें।