यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का आज सुबह (10 अक्टूबर) निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली से सटे गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आखिरी सांस ली। उनका बीते कई दिनों से मेदांता में इलाज चल रहा था और हालत काफी नाजुक थी। मुलायम सिंह 82 साल के थे और मेदांता के आईसीयू में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। मुलायम सिंह की तबीयत बीते कई दिनों से गंभीर बनी हुई थी। उन पर दवाओं का असर नहीं हो रहा था। उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी और उनकी किडनी भी सामान्य तरीके से काम नहीं कर रही थी। तबीयत बिगड़ने पर उनके ऑक्सीजन के लेवल को भी बढ़ाया गया था और वेंटिलेटर पर वह लगातार डॉक्टरों की टीम की निगरानी में थे।

मुलायम सिंह यादव का सियासी सफर

सैफई के रहने वाले मुलायम सिंह यादव ने राजनीति की शुरुआत केके डिग्री कालेज के पहले छात्र संघ अध्यक्ष के रूप में की थी। इसके बाद सहकारी बैंक के अध्यक्ष, सहकारिता मंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद व रक्षा मंत्री बने। इसी बीच कई राजनैतिक दलों के महत्वपूर्ण पदों पर रहे और सही मौका देखकर अपनी पार्टी का गठन किया।

22 नवंबर 1939 में सुघर सिंह यादव के बेटे के रूप में जन्म मुलायम सिंह यादव ने जन्म लिया। शुरुआती शिक्षा गांव के परिषदीय स्कूल में हासिल की। 6 से 12 तक की शिक्षा उन्होंने करहल के जैन इंटर कालेज से हासिल की और बीए की पढ़ाई के लिए इटावा पहुंचे। इटावा में केकेडीसी कालेज में एडमिशन लिया और रहने के लिए जब बेहतर आसरा नहीं मिला तो कालेज के संस्थापक हजारीलाल वर्मा के घर में ही रहने का ठिकाना बना लिया। 1962 के इस दौर में प्रदेश में पहली बार छात्र संघ के चुनाव की घोषणा हुई और राजनैतिक रुचि रखने वाले मुलायम सिंह ने ये मौका हाथ से जाने नहीं दिया और ताल ठोंक दी। वह छात्र संघ के पहले अध्यक्ष बन गए। यहीं से राजनीति की शुरूआत करके एक युवा नेता के रूप में उभरकर सामने आए।