पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज राजभवन में आयोजित मंत्रिमंडल के सदस्य के शपथग्रहण समारोह में शामिल हुये । राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन स्थित दरबार हॉल में रत्नेशसादा को मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
शपथ लेने के साथ ही रत्नेश सदा पहली बार कैबिनेट में शामिल हो गए। शपथ लेने के बाद उन्होंने सबसे पहले नीतीश कुमार का पैर छूकर आशीर्वाद लिया, उसके बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी के भी पांव छूएं। इसके अलावा राजभवन में मौजूद अन्य मंत्रियों से भी उन्होंने हाथ मिलाकर बधाई ली। रत्नेश को जीतन राम मांझी के बेटे डॉ. संतोष सुमन का ही एससी-एसटी कल्याण विभाग दिया गया है।
रत्नेश सादा को मंत्री बनाए जाने से संबंधित प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि रत्नेश सादा को बहुत पहले से हम जानते हैं। तीसरा टर्म चुनाव जीतकर आए हैं। हमने रत्नेश सादा को बुलाया और पार्टी के अन्य लोगों से भी बात की, उसके बाद गवर्नर साहब से मंत्री बनाए जाने को लेकर बात हुई।
कभी रिक्शा चलाते थे रत्नेश सदा
रत्नेश सदा कभी रिक्शा चलाते थे, फिर विधायक बने और अब कैबिनेट में शामिल होने के बाद मंत्रालय चलाएंगे I उनके संघर्ष की कहानी गजब है I कहा जा रहा है कि कठिन परिश्रम से आज वो यहां तक पहुंचे हैं I दरअसल, रत्नेश सदा का राजनीतिक सफर 1987 से हुआ शुरू I 2010 में पहली बार जेडीयू कोटे से सोनबरसा राज सुरक्षित सीट से विधायक बने I एनडीए की जब सरकार थी उस समय सहरसा से बीजेपी विधायक डॉ. आलोक रंजन को मंत्री बनाया गया था I एनडीए की सरकार जाने के 10 महीनों के बाद से सहरसा से कोई मंत्री नहीं बना था I अब जब रत्नेश सदा मंत्री बने हैं तो लोगों में काफी खुशी है I
रत्नेश सदा महिषी थाना क्षेत्र के बलिया सिमर गांव के रहने वाले हैं I सहरसा के कहरा कुटी स्थित वार्ड नं 6 में रहते हैं I पहले रत्नेश सदा रिक्शा चलाकर अपना जीवन यापन करते थे I उनके पिता लक्ष्मी सदा मजदूरी करते थे I इनका जीवन बहुत संघर्ष के रूप में बीता और उसी का नतीजा है कि पहली बार 2010 में सोनबरसा राज विधानसभा सुरक्षित सीट से जेडीयू कोटे से विधायक बने I उस समय से वे लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। अब उन्हें नीतीश मंत्रिमंडल में जगह मिली है।