बिहार सरकार शराबंदी को लेकर आए दिन तरह-तरह की गाइड लाइन जारी कर रही है। उसे लेकर पुलिस पदाधिकारी और उत्पाद विभाग की टीम भी लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी सिलसिले में बीते जनवरी महीने में उत्पाद अधीक्षक कार्यालय ने एक पत्र जारी किया था। उसमें ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के घरों पर मद्य निषेध से संबंधित प्लेट लगाने का निर्देश जारी किया गया था। वैशाली मद्य निषेध विभाग के अधीक्षक द्वारा प्रेषित पत्र पर पत्रांक 153 और 18 जनवरी 2023 तारीख भी अंकित है। दिलचस्प बात यह है कि मद्य निषेध कार्यालय द्वारा जारी पत्र को विभाग के अधीक्षक ही फर्जी करार दे रहे हैं।

उत्पाद अधीक्षक कार्यालय द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि आवेदक विपिन बिहारी प्रसाद निदेशक संस्थान पटना द्वारा जिला पदाधिकारी वैशाली को ग्रामीण क्षेत्र के घरों पर नशा मुक्ति से संबंधित प्रचार-प्रसार और संबंधित स्लोगन लगाने के लिए आवेदन प्राप्त हुआ है। जारी पत्र में मकान के ऊपर नंबर प्लेट लगाने के लिए मकान मालिक से 40 रुपये लेने के लिए कहा गया है। नंबर प्लेट मकान मालिक की स्वेच्छा से ही लगानी है।

पत्र में बताया गया है कि प्लेट लगाने से प्रचार-प्रसार, मकान की गणना, जनसंख्या की गणना, डाक वितरण, परिवार रजिस्टर सत्यापन, मतदाता सूची, राशन कार्ड और अन्य सरकारी कार्यों में सुविधा होने का जिक्र किया गया है। नंबर प्लेट लगाने के लिए ली जाने वाली राशि के लिए मकान मालिक को रसीद भी दिए जाने की बात कही गई है। मद्य निषेध विभाग कार्यालय द्वारा जारी पत्र के आलोक में जिले के विभिन्न प्रखंडों के बीडीओ ने भी पत्र जारी कर पंचायत के मुखिया को कार्य में सहयोग करने का निर्देश जारी किया था।

इसे लेकर लगभग एक माह पूर्व पातेपुर प्रखंड कार्यालय पहुंच कर अगरेल पंचायत के दर्जनों लोगों ने बीडीओ मनोज कुमार राय से पूछताछ की थी। इस दौरान बीडीओ द्वारा स्वेच्छा से प्लेट लगाने की बात बताई थी, जिस पर लोगों ने आक्रोशित होकर फर्जी बताते हुए विरोध जताया था। इसके साथ ही पटेढ़ी बेलसर प्रखंड की कई पंचायतों में कर्मियों ने प्लेट लगाई भी हैं। जब आवश्यक जानकारी मांगने पर कर्मी मौके से फरार हो गया था।ग्रामीणों के अनुसार, मद्य निषेध से संबंधित नंबर प्लेट लगाने घरों तक पहुंच रहे कर्मी लोगों के प्लेट लगाने से इनकार करने पर कई तरह की भ्रामक बाते बताते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्लेट नहीं लगाने पर राशन कार्ड से नाम कट जाने, पेंशन योजना का लाभ नहीं मिलने समेत अन्य सरकारी लाभ से वंचित किए जाने जैसी कई बातें बताकर लोगों को डरा देते हैं। उसके बाद लोग आसानी से नंबर प्लेट लगाने के लिए हामी भर कर 40 रुपये का भुगतान कर देते हैं।

पत्र पर मेरे हस्ताक्षर नहीं हैं

हाजीपुर उत्पाद अधीक्षक विजय शंकर दुबे ने बताया कि मकानों पर नंबर प्लेट लगाने जैसे मामले को लेकर विभागीय स्तर पर कोई लिखित निर्देश प्राप्त नहीं है। पूर्व में हाजीपुर उत्पाद कार्यालय के एक इंस्पेक्टर द्वारा गलत तरीके से एक पत्र जारी कर दिया गया था। उसको लेकर कुछ लोग पत्र का गलत इस्तेमाल कर लोगों को डरा-धमका कर नंबर प्लेट लगाने के नाम पर वसूली कर रहे हैं। जारी पत्र पर उन्होंने अपने हस्ताक्षर होने से भी इनकार किया है।