नई दिल्ली : तिलक मार्ग स्थित नेशनल वार मेमोरियल में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा महिला प्रकोष्ठ की महासचिव डॉ आरती सुमन चौधरी के नेतृत्व में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर जयंती मनाई गई। इस मौके पर पुनीता मल्लिक, लक्ष्मी मल्लिक, आराधना मल्लिक, आलभ्य मल्लिक, विकाश मल्लिक आदि ने बोस के तैल चित्र पर मंच के संयोजक मनोज लाल दास “मनु”, संस्थापक पवन राठौर, अधिवक्ता रविप्रकाश, संजय कुमार सिंह, विशाल राज, दुर्गेश दुबे, केशव पांडेय, धीरज सिंह, कुमार गौरव आदि सदस्यों ने पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप श्रीवास्तव IRS ने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस के लिए राष्ट्र सभी रिश्तों से ऊपर था। नेताजी अपना जीवन राष्ट्र को समर्पित कर रखा था।”आजाद हिंद फौज” में राष्ट्र भक्तों को शामिल कर अंग्रजों के खिलाफ अंतिम बिगुल फूंक दिया था जो राष्ट्र के स्वतंत्र होने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । नेताजी भगवतगीता पुस्तक से काफी प्रेरित हुए थे। उन्के द्वारा लिखित पुस्तक “द इंडियन स्ट्रगल” जिसे सभी को पढ़ना चाहिए ताकि मालूम हो कि वे कितने बड़े राष्ट्रवादी थे।ऐसे महान राष्ट्रभक्त “नेताजी” की जीवनी से हमसब को सीख लेनी चाहिए।

इस मौके पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए डॉक्टर आरती सुमन चौधरी ने राष्ट्र को फिरंगियों के हाथों से आजाद कराने “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा ,दिल्ली चलो और जय हिंद जैसे क्रांतिकारी नारे की भूमिका सर्वोपरि थी। नेताजी के नारों ने देश के आम लोगों खासकर युवाओं में जो उत्साह का संचार हुआ आखिर में राष्ट्र गुलामी से मुक्त हुआ।को जोड़ दिया और जिससे आजादी की लड़ाई में देश को एकता के सूत्र में बांध दिया जिसका आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान रहा। स्वतंत्रता आंदोलन में बोस के योगदान का कोई सानी नहीं है। उनको हमसभी हमेशा याद रखें यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। अपना देश को आजादी दिलाने में नेताजी के संघर्ष और योगदान महत्वपूर्ण था जिसको राष्ट्र कभी भुला नहीं सकता।