सुप्रीम कोर्ट ने आज बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुनवाई हुई थी I कृष्णैया के पत्नी उमा कृष्णैया की याचिका पर आज जस्टिस जेएस पारदीवाला और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच पर सुनवाई हुई I इस दौरान कोर्ट ने इस मामले पर जवाब देने के लिए बिहार सरकार को और ज्यादा समय दिया है I
8 अगस्त को होगी सुनवाई
उच्चतम न्यायालय ने बिहार सरकार को आईएएस अधिकारी की हत्या के मामले में पूर्व सांसद आनंद मोहन को दी गई छूट से जुड़े वास्तविक रिकॉर्ड पेश करने के निर्देश दिए। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि आगे कोई स्थगन नहीं दिया जाएगा I मारे गए आईएएस अधिकारी की पत्नी की ओर से आनंद मोहन की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका को न्यायालय ने आठ अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है I
बता दें कि उग्र भीड़ ने 5 दिसंबर 1994 को मुजफ्फरपुर में गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैकया की हत्या कर दी गई थी I इस हत्या के मामले के दोषी पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन पाए गए थे I जिसके बाद निचली अदालत ने उन्हें 3 अक्टूबर 2007 को फांसी की सजा सुनाई थी I हालांकि बाद में 10 दिसंबर 2008 को पटना हाईकोर्ट ने इसे उम्र कैद में बदल दिया था I बाद में इस सजा को चुनौती सुप्रीम कोर्ट में भी दी गई थी I लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई 2012 को इस मामले पर अपना फैसला सुनाया था और पटना हाईकोर्ट की सजा को बरकरार रखा था I हालांकि बिहार सरकार ने 27 अप्रैल को उम्र कैद की सजा काट रहे आनंद मोहन को रिहा करने का निर्णय लिया था I सरकार के इस फैसले के बाद ही जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट ने इसके खिलाफ याचिका दायर की थी I