पटना : मेला का फैशन हो गया है। कभी पुस्तक मेला, कभी आवास मेला तो कभी रोजगार मेला। बुधवार (26 अक्टूबर) को पटना के वीरचंद पटेल पथ स्थित पुराने विधायक फ्लैट एरिया में लगा था विधायक आवास मेला। विधायकों का मजमा लगा हुआ था। इस मेले में 8 विधायकों को आवास की चाबी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदान की। मुख्यमंत्री के हाथों में 10 विधायकों को आवास की चाबी वितरित करनी थी, लेकिन भाजपा के दो विधायक (पूर्व मंत्री) मेला में शामिल होने नहीं आये।
विधान सभा की विज्ञप्ति के अनुसार, भाजपा के पूर्व मंत्रियों समेत कुल 65 विधायकों को उनके आवंटित आवास की सूची जारी कर दी गयी है। मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ विधान सभा अध्यक्ष अवध विहारी चौधरी, उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्पीकर कर रहे थे। सभा संचालिका विधायकों का नाम पुकार रही थीं और विधायक लिफाफे में पैक चाबी लेकर हर्षित भाव से मंच से उतर रहे थे। विधायकों को लग रहा था कि उन्हें पोर्टफोलियो मिल गया हो। स्वाभाविक है कि दो वर्षों से बेघर-बार के विधायक किराये के मकान में रह रहे थे। अब शेष अवधि के लिए मकान मिल गया है। एक विधायक ने कहा कि सरकार ने मकान में सभी सुविधाएं दी हैं, लेकिन बिछावन नहीं दिया है।
हालांकि एक बंगले के निर्माण पर एक करोड़ से अधिक की राशि खर्च हुई है। भवन निर्माण विभाग के अनुसार, प्रत्येक आवास 3693 वर्गफीट में बना है। विधायक आवास परिसर में हॉस्टल भवन, कैंटीन, पुस्तकालय और सामुदायिक भवन का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। लगभग 45 एकड़ के भूखंड पर 243 कमरों का निर्माण 287 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। प्रथम चरण में 65 कमरों का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। उन्हीं बंगलों की चाबी आवास मेले में बांटी गयी। विभाग की ओर से उपलब्ध करायी गयी बुकलेट के अनुसार, एक बंगले के निर्माण की लागत लगभग 1 करोड़ 18 लाख रुपये है। बंगले में 2 एसी, 4 डबल बेड, 2 सेट सोफा, डायनिंग टेबुल और कार्यालय के उपस्कर उपलब्ध कराये गये हैं। वैसे हम अभी एक करोड़ी बंगले में घुस कर नजारा नहीं देख पाये हैं।