पटना: स्वतन्त्रता सेनानियों की जन्म भूमि रही मधुबनी जिले के दीप निवासी ब्रह्मानंद कर्ण जी का निधन पटना में हृदयगति रुक जाने के कारण हो गया। 86 वर्षीय ब्रह्मानंद कर्ण पटना के अनीसाबाद में अपने पुत्र दीपक कुमार के साथ रह रहे थे। उनका दाह संस्कार दीप में सम्पन्न हुआ बड़े पुत्र मनोज कुमार ने मुखाग्नि दी इस अवसर पर स्थानीय गणमान्य लोग बड़ी संख्या में थे।

महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित स्व ब्रह्मानंद कर्ण शुरू से खादी ग्राम उद्योग से जुड़े थे। उन्होंने समस्तीपुर, दरभंगा और मधुबनी जिले में कई केंद्रों पर प्रबंधक के रूप में योगदान दिया और ईमानदारी और पूरे कर्तव्यनिष्ठा से कार्य किया। तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व कर्पूरी ठाकुर जी व्यक्तिगत रूप से ब्रह्मानंद कर्ण जी के कार्यों से प्रभावित थे उन्हें पटना बुलाकर उनसे बात चीत कर खादी केंद्रों के लिय रणनीति तैयार करने को कहा, लेकिन कुछ दिन बाद ही उनकी सरकार गिर गई।

पूरे जीवन ईमानदारी और सादगी के प्रतिमूर्ति स्व ब्रह्मनंद कर्ण अपने पीछे पत्नी प्रभा कर्ण,तीन पुत्र मनोज कुमार, दीपक कुमार , पंकज कुमार पुत्री करुणा कर्ण, प्रिया कर्ण, तनुजा भारती और नेहा निधि को छोड़ गए हैं।

ब्रह्मानंद कर्ण के निधन पर जेडीयू नेता मनोज लाल दास मनु ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन से बिहार ने एक गांधीवादी सोच के व्यक्ति और खादी के लिय समर्पित को खो दिया। स्व कर्ण के रिलेटिव दिल्ली के भाजपा नेता अजय कुमार कर्ण विमल ने कहा उन्होंने अपना अभिभावक खो दिया है उनसे जिंदगी में सीखने को बहुत कुछ मिला है। न्याय मंच के संस्थापक अध्यक्ष पवन राठौर ने कहा कि स्व कर्ण अंतिम समय तक ईमानदारी और सादगी को अपनाने हुए खादी के लिए समर्पित रहे। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिवार जनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे।

मिशन टू करोड़ चित्रांश इंटरनेशनल असोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र कर्ण, उपाध्यक्ष अनिलेश्वर माधव, राजेश कुमार कंठ,बिहार के उपाध्यक्ष बंदना सिन्हा, सुनील कुमार, कर्ण कायस्थ कल्याण मंच के अध्यक्ष के बी लाल, महासचिव बैधनाथ लाल दास, सुनील कुमार कर्ण, रंजीत कर्ण, संजीत कर्ण, अमित लाभ , राज कुमार दिलीप,एस डी आर एस के संध्या रानी, रमण कुमार, संतोष कुमार , अनुराग कुमार, अनुपम आशीष आदि ने गहरा शोक व्यक्त किया है।