मिथिला के प्रसिद्ध गायक एवं रचनाकार शंभु कुमार कर्ण उर्फ शंभू सौरव, जिन्होंने “जगदम्बा घर में दियारा बायरी ऐयलि हे”, एवं “भोला काय दिखाय लैय बेकल भयल जियरा” आदि गीतों की रचना और गायन की थी, उनका निधन लंबी बीमारी के कारण उनके पैतृक गांव मधुबनी जिले के बैका गांव में हो गया। उनके निधन से ग्रामवासी ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व में रहने वाले मैथिल प्रेमी के साथ कायस्थ परिवार के लोग शोकाकुल है। जदयू नेता मनोज लाल दास मनु ने शंभू सौरभ जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुऐ कहा कि उनके निधन से विद्यापति कालीन गीतों के रचनाकार और गायक आज उठ गया। उनके निधन से आज मिथिलांचल ही नही बिहार और राष्ट्र शोकाकुल है। शंभू सौरभ के निधन को गीत रचना और गायन के क्षेत्र में अपूर्णीय क्षति बताते हुए मिशन टू करोड़ चित्रांश अंतराष्ट्रीय के अनिल कर्ण, राजेंद्र कर्ण, राजेश कुमार कंठ, पवन कर्ण, बंदना सिन्हा, श्वेता श्रीवस्तव, सीमा वर्मा, कर्ण कायस्थ कल्याण मंच के के बी लाल, बैधनाथ लाल दास, दीपक कुमार, विपिन प्रसाद, अमित कुमार, संजीव कुमार, बिनित कुमार आदि ने मिथिलांचल ही नही बिहार का महान धरोहर बताया। आज भी उनके गाए और रचना किए गए गीत लोगों को बहुत भांते है। ईश्वर उन्हे अपने चरणों में स्थान प्रदान करें।