मोदी सरकार के विभागों का बंटवारा सोमवार शाम 6:30 बजे किया गया। इसमें चिराग पासवान को फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय दिया गया है। मांझी को सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय मिला है। बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह को टेक्सटाइल मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है।
राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को पंचायती राज और मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय. की जिम्मेदारी दी गई है। नित्यानंद राय को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री, रामनाथ ठाकुर को कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री, सतीश चंद्र दुबे को खनिज और कोयला राज्यमंत्री, राज भूषण चौधरी को जल शक्ति राज्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। चिराग पासवान को वही मंत्रालय दिया गया है, जो उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को जिम्मेदारी दी गई थी।
अपने मंत्रालय को दिलाऊंगा नई पहचान
मंत्रालय मिलने के बाद चिराग पासवान ने कहा कि मुझे जिम्मेदारी मिली है। इसे पूरी ईमानदारी और मेहनत से आगे लेकर जाएंगे। आने वाले दिनों में इस विभाग का एक महत्वपूर्ण योगदान होगा। चिराग ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नई जिम्मेदारी के साथ नई पारी की शुरुआत की है। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय को नई तकनीक के साथ देश और दुनिया में नई पहचान दिलाऊंगा।
जातीय समीकरण को साधने की कोशिश
नरेंद्र मोदी सरकार 3.0 में बिहार से 8 सांसदों को मंत्री बनाया गया है। इसमें दो भूमिहार, दो दलित, एक यादव, एक ईबीसी, एक ब्राह्मण और एक मल्लाह जाति से हैं। मोदी सरकार में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब किसी राजपूत जाति के सांसद को मंत्रालय में जगह नहीं दी गई है।
इससे पहले मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में इस कोटे से राधा मोहन सिंह और राजीव प्रताप रुढ़ी तो दूसरे कार्यकाल में आरके सिंह को जगह दी गई थी। इस बार आरके सिंह भले चुनाव हार गए हों, लेकिन राजीव प्रताप रूडी ने कांटे की टक्कर में लालू प्रसाद यादव की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य को चुनाव हराया है। वहीं, राधा मोहन सिंह भी चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। इसके बाद भी उन्हें मंत्रालय से दूर रखा गया है।
मल्लाह कोटे पर ही इस बार मुजफ्फरपुर से राजभूषण चौधरी को मंत्री बनाया गया है। न केवल बीजेपी बल्कि सहयोगी पार्टी की तरफ से भी राजपूतों को तवज्जो नहीं दी गई है। जदयू की तरफ से आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद शिवहर से चुनाव जीती हैं और राजपूत हैं। वहीं, लोजपा (आर) से वैशाली की सांसद वीणा देवी भी इसी जाति से आती हैं।