पटना : भारतीय जन क्रांति दल (डेमोक्रेटिक) के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. राकेश दत्त मिश्र ने आज एक प्रेस वक्तव्य जारी करते हुए केंद्र सरकार द्वारा देश में जातीय जनगणना कराए जाने के फैसले का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि “यह निर्णय न केवल सामाजिक सौहार्द को तोड़ने वाला है, बल्कि यह भारत की एकता और अखंडता के विरुद्ध एक सुनियोजित राजनीतिक चाल है।”
डॉ. मिश्र ने तीखे शब्दों में कहा कि “कल तक जो पार्टी ‘बटोगे तो काटो गे’ और ‘पाकिस्तान को सबक सिखाने’ की बात करती थी, वही आज हिन्दू समाज को बांटने के लिए जातीय आधार पर जनगणना करा रही है।”
क्या जातीय जनगणना महंगाई, बेरोजगारी और आतंकवाद से बड़ा मुद्दा है?
उन्होंने देश की जनता से सीधा सवाल किया कि “क्या आज के समय में महंगाई, आतंकवाद, युवाओं की बेरोजगारी, किसानों की दुर्दशा जैसे ज्वलंत मुद्दों से बड़ा मुद्दा जातीय जनगणना है?”
हिन्दू समाज को खंडित करने की साजिश
डॉ. मिश्र ने चेतावनी दी कि जातीय जनगणना हिन्दू समाज को वर्गों में बाँटने की दिशा में एक खतरनाक कदम है, जो सामाजिक समरसता को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने कहा कि “जो समाज एकजुट नहीं रहता, उसकी दिशा भी बंट जाती है और उसकी दशा भी।”
आह्वान
डॉ. मिश्र ने देश के युवाओं, बुद्धिजीवियों, संत समाज, किसान एवं राष्ट्रप्रेमी नागरिकों से अपील की कि वे इस राजनीतिक जातिवादी षड्यंत्र के विरुद्ध मुखर हों और राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने वाले किसी भी प्रयास को अस्वीकार करें।
