पटना : ‘हम’ पार्टी एक बार फिर से एनडीए में शामिल हो चुकी है I जी हां, दिल्ली में अपने आवास पर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के बाद जीतन राम मांझी ने एक बार राजग में शामिल होने की हामी भर दी I बैठक में हम के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, बिहार सरकार में पूर्व संतोष कुमार सुमन के साथ बीजेपी वरिष्ठ नेता अमित शाह के साथ नित्यानंद राय भी मौजूद थे I इससे पहले मांझी की पार्टी एनडीए का हिस्सा रह चुका है, लेकिन 2018 में लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए से नाता तोड़कर मांझी महागठबंधन में शामिल हो गया था I आईए आपको बताते हैं कि आखिर मांझी पर बीजेपी इतनी लट्टू क्यों हो गई है I

दलित वोटों पर मांझी की पकड़

वैसे तो मांझी जब 2015 में बीजेपी के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़े थे, तो कई खास करिश्मा नहीं कर पाए थे I उस विधानसभा चुनाव में एनडीए की करारी हार हुई थी I केवल 58 सीट पर पूरी एनडीए सीमट गई थी I वहीं, हम पार्टी सिर्फ एक सीट पर ही जीत दर्ज कर पाई थी I वह सीट जीतन राम मांझी ने ही जीता था I उन्होंने इमामगंज से उदय नारायण चौधरी को हराया था I ऐसे में एक तरह से मांझी को दलित का बड़ा नेता मान नहीं जा रहा है, लेकिन दिवंगत राम विलास पासवान के बाद बिहार में दलित एक चेहरा जीतनराम मांझी को माना गया है I वैसे में बीजेपी एक बड़ा दांव हम को एनडीए में शामिल कर के खेला है I वैसे बिहार में दलित और महादलितों की संख्या 16 प्रतिशत है I