बिहार में विधानसभा चुनाव की गर्मी सर चढ़ने लगी है। 20 नवंबर को नई सरकार का गठन होगा। उसके पहले राज्य में विधानसभा के चुनाव हो जाएंगे। इसलिए संभावित प्रत्याशी स्वयं को झोंककर चुनाव प्रचार में लगे हैं। एक अनुमान के मुताबिक बिहार में 35 वर्ष से कम आयु वर्ग के 40 प्रतिशत मतदाता हैं, जो सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। ऐसे में हर प्रत्याशी स्वयं या किसी के माध्यम से सोशल मीडिया में काफी सक्रिय है। केंद्र में भाजपा नीत सरकार को बनाने में सोशल मीडिया की अहम भूमिका मानी जाती है।

बिहार के कुछ सीटों पर पूरे देश की नज़र लगी हुई है। इनमें एक प्रमुख सीट महुआ विधानसभा की भी है। इस सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने सनसनी फैला दी हैं। कुछ महीने पहले तेज प्रताप के लड़ने की बात सुनकर वर्तमान विधायक मुकेश रौशन फूट- फूटकर रोने लगे थे। अब हालात बदले हुए हैं। तेज प्रताप को राजद से बाहर कर दिया गया है। संभवतः मुकेश रौशन राजद से फिर लड़ेंगे।

मुकेश रौशन स्थानीय हैं। पेशे से दंत चिकित्सक रौशन के परिवार वालों ने काफी कुर्बानी दी है। इनके पिताजी की हत्या हो गई थी। जो लोग इस हत्याकांड के गवाह थे, उनमें से कुछ की हत्या हो गई तो कुछ हॉस्टाइल हो गए। 2020 में पहली बार विधायक बने। ऐसा कहा जाता है कि तेजस्वी के जीत में इनके परिवार की प्रमुख भूमिका थी। तेजस्वी पड़ोस के राघोपुर से लड़कर जीते थे। लंबे समय तक प्रतीक्षा करने के बाद डॉ मुकेश रौशन को टिकट मिला था।

इस सीट से 2015 में शानदार जीत हासिल कर तेज प्रताप ने अपने राजनैतिक कैरियर की शुरुआत की थी। उस चुनाव में तेज प्रताप ने निवर्तमान विधायक रवींद्र राय को 28 हजार 155 वोट से परास्त किया था। 2010 के नीतीश लहर में रवींद्र राय ने 21 हजार 925 मतों के अंतर से चुनाव जीता था।

गत 2020 के चुनाव में सरकारी चिकित्सक की नौकरी छोड़कर डॉ आसमा परवीन ने जद (यू) के सिंबल पर चुनाव लड़ा था। डॉ परवीन ने पीएमसीएच से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद पहले सीआरपीएफ फिर रेलवे में नौकरी की। इसके बाद बिहार सरकार की सेवा में चली गईं। 2011 में बिहारशरीफ सदर अस्पताल में फिर हाजीपुर सदर अस्पताल में 2014 से 2018 तक कार्यरत रहीं। 2 जुलाई, 2018 को सरकारी सेवा से इस्तीफा देकर जद (यू) की सदस्यता ली। 2020 का विधान सभा चुनाव लड़ा। 2020 के चुनाव में इन्हें 48 हजार 893 मत मिले थे। लेकिन इस चुनाव में वे राजद प्रत्याशी मुकेश रौशन से 25 हजार 146 मतों के अंतर से हार गई थीं।

डॉ परवीन हाजीपुर में रहकर लगातार कार्य कर रही हैं। इनका हाजीपुर के जौहरी बाजार में मीषा क्लीनिक है। क्षेत्र में अपने ढंग से सक्रिय भी हैं लेकिन सोशल मीडिया के इस दौर में वे काफी पीछे हैं। इनका फेसबुक पर कोई पेज नहीं है। X पर कोई अकाउंट नहीं है। युवाओं में काफी लोकप्रिय इंस्टाग्राम में इनके सिर्फ 349 फॉलोवर हैं। वहीं इनके संभावित प्रतिद्वंदी तेज प्रताप के मिलियन में फॉलोवर्स हैं। तेज प्रताप के X पर 1.7 मिलियन फॉलोवर हैं। इनके फेसबुक पेज के 1 लाख 48 हजार फॉलोवर हैं। वहीं इंस्टा पर इनके चाहनेवाले 6 लाख 85 हजार लोग हैं। तेज प्रताप सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय रहते हैं। सिर्फ इंस्टाग्राम की बात करें तो इसमें उन्होंने 878 पोस्ट किए हैं। जबकि डॉ परवीन ने सिर्फ 2020 से अब तक सिर्फ 27 पोस्ट किए हैं। ऐसे में डॉ परवीन का जीतना मुश्किल होगा।