पटना : बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष और वरिष्ठ साहित्यकार डा अनिल सुलभ नागालैंड साहित्य महोत्सव में ‘हिन्दी-गौरव सम्मान’ से विभूषित किए जाएँगे। अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति द्वारा आगामी 19 दिसम्बर से राष्ट्रीय भाषा हिन्दी संस्थान, हिन्दी नगर, पद्मपोखरी, दीमापुर में आयोजित हो रहे तीन दिवसीय इस राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव में यह सम्मान डा सुलभ को प्रदान किया जाएगा।
संस्था के अध्यक्ष प्रज्ञान-पुरुष पंडित सुरेश नीरव ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी भाषा और साहित्य के उन्नयन तथा हिन्दी को ‘भारत की राष्ट्र-भाषा’ घोषित करने हेतु विगत अनेक वर्षों से चलाए जा रहे उनके महनीय अभियान के लिए,डा सुलभ को यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया जा रहा है। प्रवासी कवयित्री रूस में ‘वॉयस ऑफ मास्को’ की चेयरपर्सन और प्रतिष्ठित फ़िल्म निर्माता-निर्देशक एवं कवयित्री श्वेता सिंह ‘उमा’ समारोह की मुख्यअतिथि होंगी। नागालैंड की सुप्रसिद्ध शिक्षाविद पी ताकलीला आयोजन की विशिष्ठ अतिथि होंगी। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रभाषा हिन्दी संस्थान, ‘नागालैंड के गाँधी’ के नाम से विख्यात हिन्दी-सेवी पद्मश्री पी तेमजेन द्वारा स्थापित अंतर्राष्ट्रीय ख्याति का संस्थान है, जिसमें भाषा-प्रशिक्षण सहित भाषा और साहित्य के उन्नयन के कार्य वर्षों से किए जा रहे हैं।
‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के मुख्य विषय पर केंद्रित तीन दिवसीय इस साहित्य महोत्सव में वैचारिक-सत्रों के अतिरिक्त पुस्तक-प्रदर्शनी, पुस्तक-लोकार्पण, सम्मान-समारोह और अखिल भारतीय कवि-सम्मेलन भी आहूत होगा।
प्रज्ञान-पुरुष पंडित सुरेश नीरव की अध्यक्षता में आयोजित ‘नागालैंड साहित्य महोत्सव’ में, सुविख्यात कवि केशव राय (मुंबई), डा रश्मि कुलश्रेष्ठ, अजय कुलश्रेष्ठ ‘अजेय’ (कानपुर), डा धर्मेंद्र सिंह धरम (मैनपुरी), डा रत्नेश्वर सिंह, ऋषि सिन्हा (पटना), राश दादा राश, पूजा राज (बंगलुरु), सुभास चंद्र सैनी, नीरज नैथानी, सुमन सैनी (देहरा दून),धीरेंद्र रांगण (हरिद्वार), श्यामल मजूमदार (लखनऊ), मधु मिश्रा (गौतम बुद्ध नगर), सरोजनी चौधरी, विनय कुमार (गुरूग्राम), शशि प्रेमदेव (बलिया), विमल बहुगुणा, मधुसूदन थपलियाल, शम्भु प्रसाद भट्ट ‘स्नेहिल’, देवेंद्र उनियाल, राजेंद्र प्रसाद कपरवा, अजय चौधरी (श्रीनगर) तथा प्रवीण चौहान (दिल्ली) समेत भारत के विभिन्न प्रांतों से अनेक साहित्य-सेवी महोत्सव के विशेष भाग बनेंगे। बिहार के लिए यह गौरव का विषय है कि तीन दिवसीय इस अतिप्रतिष्ठित साहित्योत्सव का उद्घाटन भी बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ करेंगे।