23 जून से जदयू को इंतजार है कि देशभर के विपक्षी दलों को एकजुट करने का श्रेय देकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संयोजक घोषित किया जाए। इसके काफी पहले से राजद की चाहत है कि तेजस्वी यादव को बिहार की कमान मिले। अब वह आकांक्षाएं तड़प बन गई है।

पटना : एक तरफ बिहार में लगातार अपराधी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं I दिनदहाड़े कांस्टेबल की हत्या कर दी जाती है I बीजेपी बिहार सरकार पर हमलावर है तो वहीं दूसरी तरफ बिहार की राजनीति में लगातार यह चर्चा तेज है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्दी ही बिहार की गद्दी तेजस्वी यादव को सौंप दें I बीजेपी कई बार नीतीश कुमार को लेकर तंज कसती रही है कि नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बना दें I RJD के नेताओं की ओर से भी इसको लेकर कई बार मांग की जा चुकी है I

पोस्टर में लिखा तेजस्वी के लिए तड़पता बिहार

इसी बीच एक बार फिर RJD की ओर से तेजस्वी यादव को सीएम बनाने की मांग उठने लगी है I राजद प्रदेश कार्यालय के बाहर एक बड़ा सा पोस्टर लगाया गया है I इस पोस्टर में बस एक स्लोगन लिखा गया है I पोस्टर पर लिखा है कि तेजस्वी यादव के लिए तड़पता I बिहार में अब एक बार फिर राजद की तरफ से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठने लगी है I यही कारण है कि राजद प्रदेश कार्यालय के बाहर बड़ा सा पोस्टर लगाकर सीधे नीतीश कुमार से यह मांग की जा रही है कि अब आप अपनी गद्दी तेजस्वी यादव को सौंप दे, ताकि जो बिहार आज तड़प रहा है उसे तेजस्वी यादव ठीक कर सके I

तेजस्वी यादव बिहार के मौजूदा उप मुख्यमंत्री हैं तो यह तड़प क्यों? जाहिर है सीधे कमान मिलने की। तेजस्वी भी राजद कार्यालय आए तो बोर्ड देखते गए। राजद कार्यालय से कुछ ही दूरी पर सामने की तरफ जनता दल यूनाईटेड (JDU) का मुख्य कार्यालय है। इसके अंदर-बाहर अक्सर यह आवाज गूंजती है- “देश का पीएम कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो।” जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह यूपी दौरे के दौरान दुहरा चुके हैं कि देश में विपक्षी एकता के सूत्रधार नीतीश कुमार हैं। ऐसे में यह सवाल जायज है कि जदयू-राजद की आखिर मंजिल क्या है और दोनों दल इस दिशा में कहां तक बढ़े हैं?

जातीय गणना पर तेजस्वी का बयान

वहीं, आज जातीय गणना को लेकर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बयान दिया कि बिहार की जातीय गणना रिपोर्ट पर जो सवाल उठा रहे हैं वो देश में जातीय जनगणना क्यों नहीं करा रहे? बिहार में सही तथ्यों के साथ जाति आधारित गणना हुई हैं I किसी के बोलने से कोई फर्क नहीं पड़ता I रोजगार पर सवाल करने पर बीजेपी के लोग बात घुमा देते हैं I बिहार में सबसे ज्यादा रोजगार दिया गया है I बीजेपी का बिहार में महागठबंधन से कोई मुकाबला नहीं हैं I पीएम और अमित शाह यहां 365 दिन भी रहेंगे तो फर्क नहीं पड़ेगा I देश की जनता जानती है कौन क्या कर रहा है I