रायपुर : प्रधानमंत्री रायपुर में 7 जुलाई को सुबह करीब 10:45 बजे एक सार्वजनिक कार्यक्रम में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री दोपहर करीब 2:30 बजे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर पहुंचेंगे, जहां वे गीता प्रेस, गोरखपुर के शताब्दी समारोह के समापन समारोह में भाग लेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत ट्रेनों को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। प्रधानमंत्री शाम करीब 5 बजे वाराणसी पहुंचेंगे, जहां वे एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेंगे और विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण करेंगे।
प्रधानमंत्री 8 जुलाई को सुबह करीब 10:45 बजे तेलंगाना के वारंगल पहुंचेंगे और एक सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होंगे, जहां वे विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री शाम करीब 4:15 बजे बीकानेर पहुंचेंगे, जहां वे राजस्थान की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे।
पीएम, रायपुर में
अवसंरचना विकास को बढ़ावा देते हुए प्रधानमंत्री लगभग 6,400 करोड़ रूपए की पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। राष्ट्र को समर्पित की जाने वाली परियोजनाओं में शामिल हैं – जबलपुर-जगदलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के रायपुर-कोडेबोड़ खंड की 33 कि.मी. लंबी 4 लेन वाली सड़क, आदि। पर्यटन को बढ़ावा देने के अलावा, यह खंड, जगदलपुर के निकट स्थित इस्पात संयंत्रों के लिए कच्चे माल तथा तैयार उत्पादों की आवाजाही का अभिन्न अंग है और लौह अयस्क समृद्ध क्षेत्रों से परिवहन सम्पर्क की सुविधा प्रदान करता है। प्रधानमंत्री एनएच-130 के बिलासपुर-अंबिकापुर खंड के 53 किलोमीटर लंबे बिलासपुर-पथरापाली खंड पर निर्मित 4-लेन की सड़क का लोकार्पण करेंगे। यह उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच परिवहन सम्पर्क को बेहतर बनाने में मदद करेगा और आसपास के क्षेत्रों में स्थित कोयला खदानों को परिवहन की सुविधा प्रदान करके कोयले की आवाजाही को बढ़ावा देगा।
प्रधानमंत्री 6-लेन वाले ग्रीनफील्ड रायपुर-विशाखापत्तनम कॉरिडोर के छत्तीसगढ़ खंड के लिए तीन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे। इनमें शामिल है – एनएच-130 सीडी पर 43 किलोमीटर लंबे छह लेन वाले झांकी-सरगी खंड का विकास; एनएच-130 सीडी पर 57 किलोमीटर लंबे छह लेन वाले सरगी-बसनवाही खंड का विकास और एनएच-130 सीडी पर 25 किलोमीटर लंबे छह लेन वाले बसनवाही-मारंगपुरी खंड का विकास। 2.8 किलोमीटर लंबी 6-लेन सुरंग एक प्रमुख घटक है – उदंती वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में वन्यजीवों के आसान आवागमन के लिए 27 रास्ते और 17 बंदर छतरियों का निर्माण। इन परियोजनाओं से धमतरी स्थित चावल मिलों और कांकेर के बॉक्साइट समृद्ध क्षेत्रों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी और इससे कोंडागांव के हस्तशिल्प उद्योग को भी लाभ होगा। कुल मिलाकर, ये परियोजनाएं क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहन प्रदान करेंगी।
प्रधानमंत्री 103 किलोमीटर लंबी रायपुर-खरियार रोड रेल लाइन के दोहरीकरण को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिसे 750 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है। इससे बंदरगाहों से छत्तीसगढ़ के उद्योगों के लिए कोयला, इस्पात, उर्वरक और अन्य वस्तुओं का परिवहन आसान हो जाएगा। वे केवटी-अंतागढ़ को जोड़ने वाली 17 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। 290 करोड़ रुपये की लागत से विकसित नई रेलवे लाइन भिलाई स्टील प्लांट को दल्ली राजहरा और रावघाट क्षेत्रों की लौह अयस्क खदानों से परिवहन सुविधा प्रदान करेगी और घने जंगलों से होकर दक्षिणी छत्तीसगढ़ के दूरदराज के इलाकों को जोड़ेगी।
प्रधानमंत्री कोरबा में 130 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित 60 हजार मीट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता वाले इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के बॉटलिंग प्लांट को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत के अंतर्गत लाभार्थियों को 75 लाख कार्डों के वितरण की भी शुरुआत करेंगे।
स्टेट ब्यूरो ईश्वर कुमार की रिपोर्ट