बिहार विधानसभा चुनाव में करीब 5.5 लाख मतदान कर्मी लगाए जाएंगे। इनको राज्य में बनाये जा रहे 90 हजार से अधिक मतदान केंद्रों पर पीठासीन पदाधिकारी, मतदान कर्मी के साथ ही माइक्रो ऑब्जर्वर, सेक्टर मजिस्ट्रेट आदि के रूप में तैनात किए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक, जिलों में डीएम के स्तर पर आवश्यकता के अनुरूप कार्मिकों की सूची तैयार की जा रही है। सितंबर के अंत तक सूची तैयार कर लेने की तैयारी है। निर्वाचन विभाग के सूत्रों के अनुसार चुनाव की घोषणा के साथ ही जिलों में कर्मियों का प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा।
उनको तीन चरणों में नियम-कायदों की जानकारी दी जाएगी। इसमें ईवीएम और वीवी पैट मशीन के संचालन से लेकर पत्रों का संधारण शामिल है। कार्मिकों को प्रशिक्षण देने वाले मास्टर ट्रेनर राज्य मुख्यालय स्तर पर प्रशिक्षित होंगे।
हर मतदान केंद्र पर चार मतदानकर्मियों की तैनाती
प्रशिक्षित कार्मिकों को हर मतदान केंद्र पर एक पीठासीन पदाधिकारी के अतिरिक्त तीन पोलिंग अफसर के रूप में तैनात किया जाएगा। इसके अतिरिक्त उनको माइक्रो ऑब्जर्वर, सेक्टर मजिस्ट्रेट आदि की भी जिम्मेदारी मिलेगी। पिछले चुनाव में करीब 78 हजार मतदान केंद्र थे। इस बार हर मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाता निश्चित करने की वजह से केंद्रों की संख्या 90712 होने का अनुमान रखा गया है। ऐसे में कार्मिकों की आवश्यकता भी बढ़ गयी है। बड़ी संख्या में कार्मिकों को रिजर्व में भी रखने का प्रावधान है।
कार्यालयों से कर्मियों की सूची तलब
राज्य के साथ ही केंद्र सरकार के कर्मियों को भी मतदान कार्य से जोड़ा जाएगा। इसके लिए सभी जिलों में जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी के स्तर से राज्य और केंद्र सरकार के कार्यालयों व इकाइयों के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों से कार्मिकों की सूची तलब की गयी है। उपलब्ध सूची के आधार पर कंप्यूटर में डाटा बेस तैयार कर रैंडमाइजेशन के आधार पर उनकी तैनाती की जाएगी। केंद्रीय बल और बिहार पुलिस की तैनाती इसके अतिरिक्त होगी। बिहार पुलिस मुख्यालय के स्तर पर केंद्रीय बलों की आवश्यकता का आकलन करते हुए गृह मंत्रालय को अनुशंसा भेजी गयी है।