बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के परिणाम के साथ भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं, बल्कि गृह विभाग पर अपनी दावेदारी ठोकी थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बन गए, तब भी। उसी समय से गतिरोध शुरू हुआ था, क्योंकि साथ में उप मुख्यमंत्री नहीं बने थे सुशील कुमार मोदी। नतीजा यह रहा था कि सरकार आधे रास्ते में लुढ़क गई और नीतीश कुमार महागठबंधन के मुख्यमंत्री बन गए। अब एक बार फिर उसी जनादेश पर वापसी करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे ‘भूल-सुधार’ बता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के मुखिया बने हैं। रविवार को मुख्यमंत्री के साथ आठ मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें दो सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को तत्काल उप मुख्यमंत्री की पहचान दे दी गई। लेकिन, बुधवार सुबह तक मंत्रियों को विभागों का आवंटन नहीं हो पाया। वजह गृह विभाग पर हक है। अबतक सीएम नीतीश यह विभाग अपने पास रखते रहे हैं। इस बार भी चाह रहे, जबकि भाजपा की भी यही चाहत है। सबसे प्रमुख विभाग के चक्कर में बाकी विभागों का आवंटन अटका था। आज विभागीय आवंटन की बात आगे बढ़ती दिख रही है I
चर्चा है सम्राट यह चाह रहे हैं
नई सरकार बनने के बाद सबसे अधिक चर्चा वाला विभाग गृह विभाग ही है। जब नीतीश कुमार महागठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री बने तो भी यह कहा था रहा था कि राजद अपने खाते में गृह विभाग चाहती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सीएम नीतीश कुमार ने गृह विभाग अपने पास रखा। अब नई सरकार बनने के बाद गृह विभाग की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है। सूत्रों का कहना है कि नए डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी इस बार भाजपा के खाते गृह विभाग चाह रहे हैं। उन्होंने इसकी जानकारी दिल्ली में बैठे शीर्ष नेतृत्व को भी दे दी है I