मधुबनी : मधुबनी में आज एक बार फिर से एनआईए ने छापेमारी की है I ये छापेमारी बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के मकिया गांव में की गई है I एनआईए द्वारा छापेमारी एक उज्जैर नाम के शिक्षक के घर की गई है I एनआईए ने शिक्षक के बेटे को आज ही दिल्ली एयरपोर्ट से पकड़ा है I फिलहाल शिक्षक और उनकी बेटी से एनआईए छापेमारी कर रही है I छापेमारी के दौरान क्या मिला है? इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आ पाई है I हालांकि, ये जानकारी जरूर सामने आई है कि एनआईए द्वाार ये छापेमारी पीएफआई कनेक्शन को लेकर की गई है I

भारत सरकार ने PFI को किया है बैन

गृह मंत्रालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके आठ अन्य संगठनों को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) यानी देश की सुरक्षा के लिहाज से गंभीर खतरा बताते हुए पांच साल के लिए प्रतिबंधित (Ban) कर दिया है I यूएपीए के अनुच्छेद 3 के तहत अब मामला न्यायाधिकरण के पास जाएगा I न्यायाधिकरण यह तय करेगा कि क्या पीएफआई के खिलाफ पर्याप्त कारण मौजूद हैं, जो उसे गैरकानूनी संगठन करार देकर प्रतिबंधित किया जा सके I यूएपीए के कानूनी प्रावधानों से परिचित विशेषज्ञों की मानें तो अनुच्छेद 4 के तहत केंद्र सरकार को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम अधिसूचना को न्यायाधिकरण के समक्ष 30 दिन के भीतर प्रस्तुत करनी होगी I न्यायाधिकरण के समक्ष पेश करते वक्त राष्ट्रीय जांच एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय और अन्य राज्यों की पुलिस द्वारा पीएफआई और उसके कार्यकर्ताओं पर दायर किए गए मुकदमों की विस्तृत जानकारी भी संलग्न रहेगी I

PFI के सहयोगी संगठनों पर भी लगा बैन

केंद्र सरकार ने PFI के साथ – साथ उसके 8 संगठनों पर भी बैन लगा दिया है I इन संगठनों में रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल शामिल हैं I

CAA विरोधी प्रदर्शनों में दिखी पीएफआई की ताकत

पीएफआई ने अपनी बढ़ती जमीनी ताकत का ट्रायल सीएए विरोधी प्रदर्शनों में किया I संविधान सुरक्षा आंदोलन के नाम पर पीएफआई ने एक समन्वय मंच स्थापित किया हुआ था I और इस आंदोलन के सहारे पीएफआई ने अपने आपको मुस्लिमों की हित रक्षक सबसे मजबूत संस्था के तौर पर दिखाया और नए नए इलाकों में अपनी पैठ बनाई I लेकिन देश की सुरक्षा एजेंसियों को चौकाने वाली सबसे बड़ी घटना थी, जब आईएसआईएस में केरल से कुछ लोग शामिल हुए और देश छोड़ कर सीरिया, इराक और अफगानिस्तान की आतंकी गतिविधियों में शामिल होने पहुंच गये I जांच में पता चला कि इनमें से कुछ लोग पीएफआई के कार्यकर्ता थे I पीएफआई जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश के रिश्तों पर एजेंसियों ने नजर गड़ाई I