पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में नशामुक्ति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया। कार्यक्रम के पूर्व नशामुक्ति दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘संवाद’ के सामने बने मंच से मद्य निषेध के प्रचार-प्रसार हेतु बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों ने नशामुक्ति पर आधारित गीत की प्रस्तुति बहुत अच्छे ढंग से दी है। नशा मुक्ति दिवस पर प्रशस्ति पत्र पानेवाले सभी पदाधिकारीगण को मैं शुभकामनाएं देता हूं। वर्ष 2011 से आज के दिवस को हमलोग मद्य निषेध दिवस के रूप में मनाते रहे हैं, वर्ष 2017 में इसे बदलकर नशामुक्ति दिवस के रूप में मना रहे हैं। हमलोगों ने महिलाओं की मांग पर वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू किया। शराबबंदी को शुरु में हमने सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में लागू किया था लेकिन 5 दिन के अंदर लोगों की डिमांड पर पूरे बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जो लोग पहले पहले शराब पीते थे, वे शराबबंदी लागू होने के बाद शराब पीना बंद कर दिये। कुछ लोग तो किसी भी निर्णय के खिलाफ रहते ही हैं। इस धरती पर सभी लोग सही नहीं हो सकते हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी नशामुक्ति लागू करना चाहते थे। हमलोगों ने उनकी बातों को सभी जगहों पर बता दिया है। शराबबंदी के बाद कुछ महिलायें अपना अनुभव साझा कर रही थी।
उन्होंने बताया कि पहले पति शराब पीते थे। घर का माहौल खराब रहता था। शराबबंदी के बाद वे बाजार से सब्जी लेकर आते हैं और घर का माहौल भी अच्छा रहता है। जो पैसा पहले शराब पीने में खर्च होता था शराबबंदी लागू होने से उस पैसे का सदुपयोग अच्छे खान-पान और रहन-सहन में हो रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि जब शराबबंदी लागू किए तो शुरु से ही लोग इसके पक्ष में रहे हैं। इसको लेकर पहले भी सर्वे कराया गया है। वर्ष 2018 में सर्वे कराया गया तो पता चला कि एक करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। वर्ष 2023 के सर्वे से पता चला कि एक करोड़ 82 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। सर्वे से यह भी पता चला कि 99 प्रतिशत महिलायें जबकि 92 प्रतिशत पुरुष शराबबंदी के पक्ष में हैं। शराबबंदी को लेकर प्रतिदिन हमारे पास रिपोर्ट आती है। शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने के आरोप में बहुत लोग पकड़े गये हैं। आपलोग ठीक ढंग से एक बार फिर से शराबबंदी का सर्वे कीजिए। हम तो कहेंगे एक-एक घर में जाकर शराबबंदी का क्या प्रभाव है, पता कर लीजिए।
उन्होंने कहा कि जब हम कॉलेज में पढ़ते थे तब से ही शराब के विरोध में रहे हैं। हम उसी समय से मानते रहे हैं कि शराब पीना गलत चीज है। हम शुरु से ही शराबबंदी के पक्ष में रहे हैं। जब महिलाओं की मांग हुई तो हमने शराबबंदी लागू किया। हम कभी इसको वापस नहीं लेंगे। कुछ जो बड़े लोग हैं वे शराब पीने के पक्षधर हैं और मेरे खिलाफ हैं। बापू की बात याद कीजिए। वो हमेशा इसके खिलाफ रहे हैं। ज्यादातर पुलिसवाले और अधिकारी सही हैं पर कुछ लोग गड़बड़ करते हैं, उन पर नजर रखिये। हम तो कहेंगे लगातार समीक्षा करते रहिये। एक-एक चीज पर ध्यान दीजिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने जाति आधारित गणना कराई जिसमें एक-एक घर जाकर सभी चीजों की जानकारी ली गयी। उसी प्रकार एक-एक घर जाकर शराबबंदी को लेकर ठीक ढंग से आंकलन कीजिए। सर्वे से ये पता चल जाएगा कि कौन-कौन लोग इसके पक्ष में हैं और कौन-कौन इसके खिलाफ हैं। इससे पता चलेगा कि कितने लोग इसके पक्ष में है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में शराबबंदी लागू है लेकिन वहां इस पर अच्छे से काम नहीं होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी शराब पीने से होनेवाले दुष्परिणामों को लेकर सर्वे किया था और उसका रिपोर्ट जारी किया था। शराब पीने से कई प्रकार की बीमारियां होती है। 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटना शराब पीने के कारण होती है। हमलोग सिर्फ शराबबंदी पर ही नहीं एक-एक काम पर ध्यान दे रहे हैं। बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। हमारे पास शादी-विवाह के लिए जो निमंत्रण आता है उसमें यदि निमंत्रण कार्ड पर दहेज मुक्त विवाह नहीं लिखा रहता हैं तो हम उस शादी समारोह में शामिल नही होते हैं। शराबबंदी के बाद बिहार में पर्यटकों की संख्या और बढ़ी है, राजगीर में आयोजित मलमास मेले में तीन करोड़ से अधिक लोग शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग सबके हित में काम करते हैं। लोगों के विकास एवं गरीबों के उत्थान के लिए लगातार काम कर रहे हैं। वर्ष 2005 के पहले यहां क्या स्थिति थी? घर से बाहर कोई निकलता था? बच्चियां कहां पढ़ पाती थी? हमने बच्चे-बच्चियों को पढ़ने का इंतजाम कराया। जबसे हमने पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में 50 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दिया है तो हर जगह महिलाएं दिख रही हैं। महिलायें आगे बढ़ रही है। सब लोग मिलकर प्रेम से आगे बढ़िये, इससे परिवार और राज्य आगे बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से कुम्हरार, पटना में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधनविभाग के 3 ग्रुप सेंटर का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करनेवाले भोजपुर के जिलाधिकारी राजकुमार, बक्सर के जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल, सीवान के जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता, किशनगंज के जिलाधिकारी तुषार सिंगला, गोपालगंज के जिलाधिकारी डॉ० नवल किशोर चौधरी, गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात, औरंगाबाद की पुलिस अधीक्षक स्वप्ना गौतम, भोजपुर के पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार यादव को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। साथ ही नवादा की जीविका दीदी कौशल्या देवी को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने वैशाली की जीविका देवी रुना देवी तथा नालंदा की जीविका दीदी बबीता देवी को सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत एक लाख रूपये का चेक प्रदान किया।मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के नवनियुक्त अवर निरीक्षक श्रीनिवास पटेल, अवर निरीक्षक सुश्री हेमा कुमारी, सिपाही सुश्री काजल कुमारी, सिपाही प्रभाकर सिंह, सिपाही सुश्री आयशा खातून को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। कार्यक्रम में मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियालने मुख्यमंत्री को पौधगुच्छ एवं स्मृति चिह्न भेंटकर उनका अभिनंदन किया। कार्यक्रम के दौरान मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा किये गये कार्यों पर आधारित तथा सतत् जीविकोपार्जन पर आधारित लघु फिल्म प्रदर्शित की गयी। किलकारी के बच्चों द्वारा नशामुक्ति पर आधारित गीत भी प्रस्तुत किया गया।कार्यक्रम को मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के मंत्री सुनील कुमार, मद्य निषेध विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ० एन० सरवन कुमार, मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी राहुल कुमार सहित अन्य वरीयअधिकारी उपस्थित थे, जबकि वेबकास्टिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति जुड़े हुए थे।