सीतामढ़ी : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज समाधान यात्रा के क्रम में सीतामढ़ी और शिवहर जिले की जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए । सीतामढ़ी के डुमरा स्थित मां जानकी इनडोर स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में जीविका दीदियों ने हिस्सा लिया। संवाद कार्यक्रम में जीविका समूह के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य करने वाली 7 जीविका दीदियों ने अपने-अपने अनुभव साझा किये। रूबी देवी, शमां परवीन, रेखा देवी, पूजा देवी, पिंकी देवी, रजनी देवी एवं सुनैना देवी ने जीविका समूह से जुड़ने के बाद जीवन स्तर में हुए बदलाव को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।
मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान जीविका दीदी रूबी देवी ने बताया कि पहले हम घर से नहीं निकल पाते थे इसलिये बाहर का माहौल पता नहीं चल पाता था लेकिन जीविका समूह से जुड़ने के बाद मैंने बैंक में अपना खाता खुलवाया तो बचत करना सीखा। मैं पहले से सिलाई जानती थी लेकिन पैसे के अभाव में सिलाई मशीन नहीं खरीद पाई। समूह से जुड़ने के बाद हमने सिलाई मशीन खरीदी। उसके बाद परिवार की आमदनी बढ़ी तो हमने गाय भी खरीद लिया। मुख्यमंत्री जी हम महिलाओं के लिये भगवान श्रीकृष्ण की तरह हैं, जो हमारी रक्षा करते हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ हमें मिलने लगा है। स्वास्थ्य सुविधायें और एंबुलेंस की व्यवस्था भी हम सबको उपलब्ध हुई है। उन्होंने बताया कि शराबबंदी से पहले मुहल्ले में कई महिलायें पति के शराब पीने से प्रताड़ित रहती थीं। आये दिन मारपीट हुआ करता था लेकिन शराबबंदी के बाद समाज और परिवार में काफी शांति आई है। समाज में खुशहाली कायम हुआ है। गरीब परिवारों के बच्चे भी स्कूल जाने लगे हैं। हम सभी जीविका दीदियां एकजुट होकर भ्रूण हत्या के खिलाफ निरंतर अभियान चला रही हैं और लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
जीविका दीदी शमां परवीन ने बताया कि पति के न चाहते हुए भी हम जीविका समूह से जुड़े। सब समूह की दीदियों ने हमें मैनेजर बनने की जिम्मेदारी दी और मुझे बैंक सखी बनाया। पहले लोगों से बात करने की हिम्मत नहीं होती थी लेकिन अब धड़ल्ले से हम अपनी बातें लोगों से साझा करते हैं। जीविका समूह से जुड़कर हमें काफी सम्मान मिला है। अब 20 हजार रुपये प्रतिमाह आमदनी होने लगी है और पति भी हमें सपोर्ट कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के आशीर्वाद से हमारा परिवार खुशहाल है और बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। सतत् जीविकोपार्जन योजना की लाभार्थी जीविका दीदी रेखा देवी ने बताया कि पहले हमारे पति शराब बनाकर बेचा करते थे और खुद शराब पीकर हमारे साथ मारपीट किया करते थे। शराबबंदी लागू होने के बाद हम उन्हें पुलिस से पकड़वाने की धमकी देते थे लेकिन फिर वे नहीं मानते थे। एक दिन उनके भट्ठी पर पुलिस ने छापेमारी कर भट्ठी ध्वस्त कर दिया और उन्हें जेल भेज दिया। नशे में वे घर का सामान भी बर्बाद कर देते थे। हमने कर्ज लेकर उन्हें जेल से छुड़ाया उसके बाद भी वे कहते थे कि हम तुम्हें छोड़ देंगे लेकिन दारू नहीं छोड़ेंगे। कुछ दिन बाद उनका निधन हो गया और चार बच्चों का भार मेरे कंधे पर आ गया। शराब के कारण हम कम उम्र में ही विधवा हो गये। जीविका समूह द्वारा आर्थिक मदद मिलने पर हमने किराना दुकान खोला, उससे अब अच्छी आमदनी हो रही है और मेरे बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब हम बेटी की शादी तय कर रहे थे तो लड़के वाले बुलेट गाड़ी की मांग कर रहे थे, हमने इसका विरोध किया क्योंकि मैंने पहले ही प्रण लिया था कि दहेज मुक्त शादी करेंगे। दहेज प्रथा के खिलाफ हम जीविका दीदी निरंतर अभियान चला रहे हैं और दहेज लेने की इच्छा रखने वाले को हमलोग समझाते हैं ।
जीविका दीदी पूजा देवी ने बताया कि हमारे हाथ में सिलाई कढ़ाई करने का हुनर था लेकिन आर्थिक तंगी के कारण सिलाई मशीन नहीं खरीद पा रही थी। जीविका समूह से जुड़ने के बाद हमें आर्थिक मदद मिली तो हमने सिलाई मशीन खरीदी, फिर पैसे बचत कर किराना दुकान खोला। अब हमारा परिवार खुशहाल है। जीविका समूह महिलाओं के लिये अमृत के समान है। पहले हम घूंघट में घर से निकलते थे लेकिन समूह से जुड़ने के बाद हमारी झिझक खत्म हो गई। जीविका समूह के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। मेरे दो लड़के हैं, मैं उनकी शादी बिना दहेज के करूंगी। दहेज प्रथा, बाल विवाह के विरुद्ध मैं लोगों को प्रेरित करती रहती हूं।
जीविका दीदी पिंकी देवी ने बताया कि पति ने नहीं कमाने से घर की माली हालत बिल्कुल खराब थी। तीन बच्चों का भरण-पोषण जैसे-तैसे हुआ करता था। तब हमें एक दीदी ने जीविका समूह से जुड़ने की सलाह दी। समूह हमें आर्थिक मदद मिली जिससे हमने कॉस्मेटिक की दुकान खोली। अब मेरी बेटी इंटर पास कर बी0ए0 में पढ़ रही है। उन्हें प्रोत्साहन राशि का लाभ भी मिला है। शौचालय और आवास योजना का लाभ भी हमारे परिवार को मिला है। मैंने ठान लिया है कि अपने बच्चों की शादी बिना दहेज लेन-देन किय करूंगी।
जीविका दीदी रजनी देवी ने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिये मुख्यमंत्री जी की पहल से कई कदम उठाये गये हैं। मैं मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार प्रकट करती हूं। सभी दीदी लगन से काम कर रही हैं। जीविका समूह गठित होने से हम सभी महिलायें काफी जागरूक हुई हैं और अपने अधिकारों को समझने लगी हैं।
जीविका दीदी सुनैना देवी ने बताया कि उनके पति किसान हैं। थोड़ी-बहुत खेती उनके पास है, जिससे बच्चों का भरण-पोषण करने में काफी परेशानी होती थी। जीविका समूह से जुड़ने के बाद मिली आर्थिक मदद से मैंने दुकान खोली अब हमारे परिवार की आमदनी बढ़ गई थी। बच्चे पढ़ ही रहे थे कि दुकान में चोरी हो गई। मैंने ग्राम संगठन से आर्थिक मदद लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान खोली। अब 12 हजार रुपये तक आमदनी हो जाती है। बेटा नवोदय विद्यालय में पढ़ रहा है। हमने अपने बच्चों की दहेज मुक्त शादी करने का फैसला किया है।
संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने फिर से एक यात्रा की शुरुआत की है, जिसका नाम समाधान यात्रा है। हम सभी जगह घूम रहे हैं, लोगों से मिल रहे हैं और वहां की समस्याओं को देखकर उसे कैसे दूर किया जाय इस संबंध में लोगों से बात कर रहे हैं। हमने कल भी जीविका दीदियों के साथ पश्चिम चंपारण में बातचीत की थी। कल 7 जीविका दीदियों ने अपने अनुभव साझा की थीं और आज भी 7 जीविका दीदियों ने अपनी बातें रखीं हैं।
इस बैठक में बिहार विधान परिषद् के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर जी भी उपस्थित हैं, उनका मैं विशेष रूप से स्वागत करता हूं। इसी माह पुलिस महानिदेशक के रूप में आरएस भट्ठी ने कार्यभार संभाला है। उनसे हमें काफी उम्मीदें हैं और लोगों को भी उन पर भरोसा है। मैं आप सभी जीविका दीदियों का भी स्वागत करता हूं। एक-एक विषय पर आपने बात रखी है। सबलोगों को काम और रोजगार मिलना चाहिये, इसके लिये सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है। हमलोग 10 लाख लोगों को रोजगार और 10 लाख लोगों को नौकरी देने का निर्णय लिया है। उस दिश में काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। पिछले 17 सालों में विकास के कई काम किये गये, वह आज भी प्रभावशाली है। क्या कमियां हैं, लोगों के कल्याण के लिये और क्या करने की जरूरत है इसको जानने, समझने के लिये हम आपलोगों के बीच आये हैं। आप सबसे मिलकर हमें बहुत खुशी हुई है। आपलोग इतना अच्छा काम कर रही हैं कि दूसरे राज्यों में प्रशिक्षण देने आपको जाना पड़ता है। हमने स्वयं सहायता समूह का नामकरण जीविका किया। उस समय केंद्र सरकार के मंत्री ने आकर जीविका समूह के कामों को देखा और पूरे देश में इसका नामकरण आजीविका किया। उन्होंने कहा कि जीविका समूह से एक करोड़ 27 लाख से भी अधिक महिलायें जुड़ गई हैं। अपने बच्चों को पढ़ा रही हैं और हम यही चाहते थे ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 के जुलाई महीने में जीविका समूह की एक बैठक में महिलाओं की मांग पर ही शराबबंदी लागू की गई। जहरीली शराब के कारण कहीं कोई घटना घटित हो जाती है तो कुछ लोग अनाप-शनाप बोलते रहते हैं। आप सभी गड़बड़ करने वाले लोगों को समझायें। शराब बुरी चीज है इसका सेवन न करें। उन्होंने कहा कि शराबबंदी लोगों के हित में है। शराबबंदी के बाद परिवार की स्थिति बेहतर हो रही है। पैसे की बचत होने से जरूरी सामान घर में खरीदा जा रहा है। दहेज प्रथा नहीं होनी चाहिये। लड़के वाले को दहेज लेने का कोई औचित्य नहीं है, इसके लिये कानून बना हुआ है। समाज में लड़कियों और महिलाओं का काफी महत्व है। आप सभी दहेज प्रथा के खिलाफ निरंतर अभियान चलाते रहिये। दहेज का लेन-देन करने वाले की शादी में शामिल न हों। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष की उम्र में लड़की का जबकि 21 वर्ष की उम्र में लड़के की शादी होनी चाहिये। आप सभी अपने काम के साथ-साथ बाल विवाह के विरुद्ध अभियान भी चलाते रहिये। हमने 10 लाख जीविका समूह बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। अब उससे भी ज्यादा समूह का गठन हो गया है। इसमें अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ें। हमने विभाग को भी कहा है कि आपको और आगे बढ़ाने के लिये जो मदद की जरूरत हो उसे किया जाय
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सर्वे में यह बात सामने आई कि पति-पत्नी में यदि पत्नी मैट्रिक पास तो देश में औसत प्रजनन दर 2 है और बिहार का भी 2 है। यदि पत्नी इंटर पास है तो देश का औसत प्रजनन दर 1.7 और बिहार का 1.6 है। उसी समय हमने बिहार के हर पंचायत में +2 तक स्कूल खोलने का निर्णय लिया। आज जाकर देखे हैं, शिक्षकों की कमी जल्द पूरी की जायेगी। सर्वे कराकर शिक्षकों की बहाली की जायेगी। सरकारी विद्यालयों में ठीक ढंग से पढ़ाई हो, शिक्षक उपस्थित रहें, इस पर आप सभी नजर रखिये। यदि शिक्षक अनुपस्थित रहता है तो आप सभी जीविका दीदियां उसकी रिपोर्ट करें। अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों को आपकी रिपोर्ट पर डिसमिस भी किया जा सकता है। हमलोग तनख्वाह बढ़ा रहे हैं तो शिक्षकों को भी पढ़ाने पर ध्यान देना चाहिये। पहले बिहार का औसत प्रजनन दर 4.3 था अब घटकर 2.9 पर पहुंच गया है। हमलोगों का लक्ष्य इसे 2 पर लाने का है। सरकारी स्कूल में शिक्षकों की उपस्थित को देखने जब जीविका दीदियां जायें तो उन पर काई रुकावट नहीं होनी चाहिये। आप सभी अपने बच्चों को पढ़ायें। सरकार रोजगार और नौकरी की व्यवस्था कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार का प्रजनन दर जब नियंत्रित हो जायेगा तो सबका जीवन अच्छे ढंग से गुजरेगा। हमें पूरा भरोसा है कि आपके प्रयास और मेहनत से समाज में सुधार होगा, बच्चे शिक्षित होंगे। हम आप जीविका दीदियों को हमेशा याद रखेंगे। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में भी जीविका समूह का गठन करने की योजना है लेकिन शहर की महिलायें इसमें बहुत कम रूचि ले रही हैं। हम तो कहेंगे कि ग्रामीण महिलाओं को ही शहरी क्षेत्रों के जीविका समूहों से जोड़ें। कुछ लोग समाज में तनाव और आपस में झगड़ा लगाने की कोशिश में लगे रहते हैं। ऐसे लोगों से सतर्क रहें। समाज में शांति का वातावरण कायम हो। लोग आपस में प्रेम के साथ मिलकर रहें, इसके लिये निरंतर प्रयास करें। जो भी समस्यायें हैं उसे दूर किये जायेगा । आप सभी को आगे बढ़ाने के लिये सरकार हर तरह से मदद करेगी ताकि आप बुलंद रहें।
इस अवसर पर बिहार विधान परिषद् के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सह सीतामढ़ी एवं शिवहर जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद जमा खान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री आर०एस० भट्ठी, विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, सचिव ग्रामीण विकास बाला मुरुगन डी०, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, आयुक्त तिरहुत प्रमंडल गोपाल मीणा, आरक्षी महानिरीक्षक तिरहुत प्रक्षेत्र पंकज सिन्हा, जिलाधिकारी, सीतामढ़ी मनेश कुमार मीणा, जिलाधिकारी, शिवहर मुकुल कुमार गुप्ता, पुलिस अधीक्षक, सीतामढ़ी हरकिशोर राय, पुलिस अधीक्षक, शिवहर अनंत कुमार राय सहित सीतामढ़ी एवं शिवहर जिले की जीविका दीदियां उपस्थित थी ।