“मेरी गलती थी कि इस आदमी को मैंने मुख्यमंत्री बना दिया। कोई सेंस नहीं है। ऐसे ही बोलते रहता है। इसको मुख्यमंत्री बनाना मेरी मूर्खता थी।” मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बारे में बिहार विधानसभा में यह बातें कहीं तो फिर एक बार अध्यक्ष ने मोर्चा संभालते हुए कार्यवाही समाप्त करा दी। मांझी बाहर निकले और भाजपा नेताओं के साथ सीएम नीतीश कुमार की बातों का जवाब दिया। उन्होंने कहा- “नीतीश कुमार ने कोई क्वालिटी देखकर मुझे मुख्यमंत्री नहीं बनाया था। संकट में थे तो मुसहर-भुंइया है, सीधा है…यह सोचकर मुख्यमंत्री बना दिया। सोचा कि जो कहेंगे, करता रहेगा। लेकिन जब मैं काम करने लगा तो इन्हें अपनी कुर्सी पर खतरा नजर आने लगा। कहते तो सीधे हट जाता, लेकिन साजिश कर हटाया।”

राजनीति में भी मैं नीतीश कुमार से 5 साल पहले आया

जीतन राम मांझी ने कहा कि यह जातीय गणना कागजी हुई है। इसका धरातल पर कोई मतलब नहीं है। इसमें जातियों का आंकड़ा गलत बताया गया। सदन में मैंने कहा कि हम आरक्षण तो दे देते हैं और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का नियम बना देते हैं। लेकिन, हमने आजतक क्या किया है। बाबा भीम राव आंबेडकर ने कहा था कि प्रत्येक 10 वर्ष पर आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए। इसी बात पर सीएम नीतीश कुमार खड़े हो गए और अनाप-शनाप बोलने लगे। वह तुम ताम करने लगे। मैं समझता हूं कि उनकी मानसिक स्थिति खराब हो गई है। मैं उम्र में उनसे 6 बड़ा हूं। राजनीति में भी मैं उनसे 5 साल पहले आया हूं। पिर वह कैसे मुझे तुम-ताम करके बोल सकते हैं।