गौरेला पेंड्रा मरवाही : वन एवं आदिवासी बाहुल्य जीपीएम जिले के पर्यटन स्थल प्रदेश एवं देश के साथ ही विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर रहे है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप जीपीएम जिले को पर्यटन जिले के रूप में विशेष पहचान दिलाने की दिशा में जिला प्रशासन का प्रयास सतत जारी है। कलेक्टर श्रीमती प्रियंका ऋषि महोबिया के निर्देशानुसार जिले के पर्यटन क्षेत्रों को स्थानीय पर्यटन समितियों के माध्यम से विकसित किया जा रहा है। यूनाइटेड किंगडम (यूके) से आए रिस्पांसिबल टूरिज्म एवं ग्रामीण पर्यटन विशेषज्ञ मिस्टर ग्राहम और विलेज वेज संस्था के निदेशक लूसी एन्जले ने शनिवार को जिले के लमना, पूटा, कोटमीखुर्द, टीकरखुर्द, बस्तीबगरा एवं आमगांव का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान विदेशी पर्यटकों ने आदिवासियों-ग्रामीणों से उनके रहन-सहन, खान-पान, संस्कृति आदि के बारे में चर्चा की। ग्रामीणों ने अपनी नृत्य शैली के प्रदर्शन से विदेशी मेहमानों को मंत्रमुग्ध किया। भ्रमण के दौरान पर्यावरणविद संजय पयासी ने स्थानीय जैव विविधिता, काष्ठ शिल्प और जल संरक्षण की पारंपरिक तकनीकों के बारे में उन्हे अवगत कराया। आगंतुकों ने भैंसागाड़ी की सवारी कर अद्भुत आनंद लिया। उन्होने चांद सूरज पूजा स्थल का भी भ्रमण किया। विदेशी पर्यटकों ने जिले की सांस्कृतिक विविधता और जीवन शैली को ग्रामीण पर्यटन हेतु अनुकूल बताया। भ्रमण के दौरान ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं जनपद सदस्य सहदेव वाकरे जी भी उपस्थित रहे। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गौरेला संजय शर्मा ने भ्रमण के दौरान उनका सहयोग किया।

स्टेट ब्यूरो ईश्वर कुमार की रिपोर्ट