रीगा विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी अमित कुमार टुन्ना ने आज प्रेस वार्ता कर बाहरी प्रत्याशी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति रीगा की चौहद्दी और यहाँ के पंचायतों के नाम तक नहीं जानता, वह यहां की जनता का प्रतिनिधित्व करने का दावा कैसे कर सकता है। टुन्ना ने बाहरी प्रत्याशी को खुली चुनौती दी कि बताइए, रीगा विधानसभा में कितने पंचायत हैं और उनके नाम क्या हैं। जो अपनी ही भूमि की चौहद्दी नहीं जानता, वह रीगा के सुख-दुःख को क्या समझेगा।

अमित टुन्ना ने बाहरी प्रत्याशी से सवाल किया कि अगर वे सच में रीगा को जानते हैं, तो बिना पूछे या गूगल का इस्तेमाल किए बुद्धि माता मंदिर, गणेशपुर बभनगामा मंदिर और बखरी शिव मंदिर तक पहुँचकर दिखाएँ। उन्होंने आगे कहा कि बाहरी प्रत्याशी यह बताएं कि बभनगामा, सिरौली, मनियारी, नंदवारा और पोसुआ पंचायतों की पाँच-पाँच प्रमुख समस्याएँ क्या हैं। क्या उन्होंने कभी देखा कि हर साल यहाँ के लोग प्राकृतिक आपदाओं से कैसे जूझते हैं? टुन्ना ने कहा कि बाहरी प्रत्याशी का रीगा की ज़मीन, संस्कृति और जनता से कोई आत्मिक रिश्ता नहीं है। ये सिर्फ़ चुनावी मौसम के नेता हैं — बाहरी लोग, जिन्हें न हमारी माटी की गंध पता है, न जनता के संघर्ष की भाषा।

कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि वे राजनीति को सेवा का माध्यम मानते हैं और जनता के प्रति जवाबदेह हैं। “मैं अपने काम का हिसाब जनता के सामने रखता हूँ, बाहरी प्रत्याशी बताएं कि उन्होंने रीगा के लिए अब तक क्या किया?” टुन्ना ने अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए कहा कि उन्होंने रीगा के विकास के लिए लगातार काम किया है। उन्होंने बताया कि भगवानपुर में नया विद्युत सब-स्टेशन और रीगा में नया सब-डिवीजन स्थापित कराया गया है। ग्रामीण कार्य विभाग से 1100 से अधिक सड़कों और कई पुलों का निर्माण हुआ है। 15 पंचायतों में स्कूलों का उन्नयन और बच्चों के लिए डेस्क-बेंच की व्यवस्था की गई है। ससौला में 30 बेड का अस्पताल निर्माण हुआ है और गरीबों के इलाज में व्यक्तिगत सहयोग दिया गया है। गन्ना किसानों और मिल मजदूरों के हक़ के लिए आंदोलन किए गए और सदन में आवाज़ उठाई गई। हर साल बाढ़ राहत कार्यों में नाव और सामूहिक रसोई की व्यवस्था की गई। रेवासी में स्टेडियम निर्माण और प्रतियोगी छात्रों के लिए नि:शुल्क कोचिंग की पहल हुई है। निजी कोष से 200 से अधिक मंदिर, मस्जिद, छठ घाट, यात्री शेड और चबूतरे बनाए गए हैं।

अमित टुन्ना ने कहा कि यह चुनाव किसी दल का नहीं बल्कि रीगा की अस्मिता और सम्मान का चुनाव है। उन्होंने भाजपा के सच्चे, जमीनी और ईमानदार कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे दल से ऊपर उठकर रीगा को बाहरियों से बचाने की इस लड़ाई में साथ खड़े हों। “भाजपा के कार्यकर्ताओं ने भी रीगा की सेवा की है, लेकिन अब समय आ गया है कि वे धरती के सम्मान की लड़ाई लड़ें,” उन्होंने कहा।

जनता से सीधी बात करते हुए टुन्ना ने कहा, “यह चुनाव बाहरी बनाम बेटा का है — एक तरफ सत्ता के सौदागर हैं, दूसरी तरफ रीगा का बेटा। जनता अब ठेके और टिकट की राजनीति नहीं, सेवा और समर्पण की राजनीति चाहती है। मेरा वादा है — रीगा का हर पंचायत, हर परिवार और हर युवा मेरी जिम्मेदारी है।”

टुन्ना ने आगे कहा कि भाजपा ने इस बार रीगा पर बाहरी प्रत्याशी थोपा है। “मैं भाजपा के ईमानदार कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूँ कि यह पार्टी अब कार्यकर्ताओं की नहीं, ठेकेदारों की हो गई है। रीगा की अस्मिता और सम्मान की रक्षा के लिए यह धर्मयुद्ध है — आइए, इस संघर्ष में साथ आइए।” उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने न सड़कों को सुधारा, न अस्पतालों को, न युवाओं को रोजगार दिया। “अब रीगा की जनता जाग चुकी है और इस बार रीगा अपने बेटे पर भरोसा करेगी, बाहरियों पर नहीं,” उन्होंने कहा।

अंत में कांग्रेस प्रत्याशी अमित कुमार टुन्ना ने कहा, “मैं रीगा का बेटा हूँ, जनता मेरा परिवार है। सत्ता नहीं, सेवा चाहता हूँ। रीगा की अस्मिता, सम्मान और भरोसे की इस लड़ाई को जनता के साथ मिलकर जीतेंगे।”

इस मौके पर रामकृपाल दास, सरोज कुमार दास, लालाबाबू दास, फेकन दास, रमाशंकर दास, शत्रुघ्न दास, उमेश सहनी, मनोज यादव, श्याम जायसवाल, संतोष पासवान, प्रमोद कुमार नील, रामसकल कुमार सहित दर्जनों महागठबंधन के नेता उपस्थित रहे