पटना : ग्यारह लाख रूपए की सम्मान-राशि वाले अलंकरण ‘जागरण साहित्य सृजन सम्मान’ से, हाल ही में विभूषित की गए सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा महेन्द्र मधुकर को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का उपाध्यक्ष बनाया गया है। सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने इससे संबंधित अधिसूचना निर्गत कर दी है।

यह जानकारी देते हुए, सम्मेलन अध्यक्ष ने आशा व्यक्त की है कि सम्मेलन को डा मधुकर की विद्वता और सक्रियता का विशेष लाभ पहुँचेगा। उन्हें सम्मेलन द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘सम्मेलन साहित्य’ के संपादन में भी विशेष दायित्त्व सौंपा जा रहा है।

स्मरणीय है कि डा मधुकर बिहार के सर्वाधिक लब्ध-प्रतिष्ठ साहित्यकारों में परिगणित होते हैं, जिन्हें साहित्य जगत विशेष आदर प्रदान करत है। बिहार विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष रहे डा मधुकर शिक्षा और साहित्य, दोनों ही सारस्वत क्षेत्रों के सम्मानित व्यक्तित्व हैं। उनकी कृति ‘वक्रतुंड’ के लिए जागरण समूह द्वारा यह अतिविशिष्ट सम्मान प्रदान किया गया है। इसके पूर्व गत २३ अगस्त को उन्हें बिहार सरकार के मंत्रिमण्डल सचिवालय (राजभाषा) विभाग की हिन्दी सेवी पुरस्कार-योजना के अंतर्गत वर्ष-2023-2024 के लिए ‘नागार्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन भी उन्हें ‘साहित्य मार्तण्ड’ की उपाधि से विभूषित कर चुका है।