पटना : सम्मेलन के 43वें महाधिवेशन की व्यापक सफलता के उपलक्ष्य में आगामी 2 मार्च को, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में ‘आनंदोत्सव-2025’ का आयोजन किया जाएगा। जिसमें महाधिवेशन में मूल्यवान योगदान करने वाले विदुषी कवयित्रियों और मनीषी साहित्यकारों के साथ सम्मेलन-कर्मियों को ‘सम्मेलन-गौरव’, ‘सम्मेलन सुधा’, ‘सम्मेलन-मार्तण्ड’, ‘सम्मेपन-प्रभा’ एवं ‘सम्मेलन-प्रकाश”अलंकरणों से विभूषित किया जाएगा। सम्मेलन-कर्मियों को भी ‘सम्मेलन-सेवी’ उपाधि प्रदान की जाएगी।

एक संवाददाता-सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने बताया कि आनंदोत्सव में उद्घाटन-सह-सम्मान-समारोह के पश्चात स्वरुचि-सहभोज के बाद एक भव्य कवि-सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा। समारोह में अतिथियों के अतिरिक्त सम्मेलन की कार्यसमिति और स्वागत समिति के सभी अधिकारी एवं सदस्यगण सपरिवार भाग लेंगे। उत्सव में आमंत्रित किए जाने वाले विशिष्ट-अतिथियों की भी सूची बनायी जा रही है।

संवाददाता-सम्मेलन में आनंदोत्सव-2025 के स्वागताध्यक्ष डा कुमार अरुणोदय, संगठनमंत्री डा शालिनी पाण्डेय, प्रबंधमंत्री कृष्ण रंजन सिंह, संस्कृति-कर्मी अभय सिन्हा तथा मौरिशस से पधारी गिरमिटिया फ़ाउंडेशन की अध्यक्ष स्वस्ति बोले भीखा भी उपस्थित थे। संवाददाता सम्मेलन से पूर्व, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने श्रीमती भीखा को मधुबनी-कला से युक्त अंग-वस्त्रम प्रदान कर सम्मानित किया।