पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज अधिवेशन भवन में सिविल सेवा दिवस 2023 के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर दीप प्रज्ज्वलित करने के पश्चात् आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिविल सेवा दिवस 2023 के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल आप सभी लोगों का मैं अभिनंदन करता हूं। देश में पहली बार 21 अप्रैल 1947 को तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सिविल सेवा के अधिकारियों को संबोधित किया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने वर्ष 2006 से 21 अप्रैल को प्रतिवर्ष सिविल सेवा दिवस मनाने की शुरुआत की। बिहार में पहली बार 21 अप्रैल 2016 को सिविल सेवा दिवस मनाना तय किया गया। कोरोना के कारण पिछले कुछ वर्षों में इसका आयोजन नहीं किया जा सका । ईद को लेकर इस वर्ष 21 अप्रैल को सिविल सेवा दिवस मनाना संभव नहीं हुआ, क्योंकि प्रशासन के अधिकारियों को कानून व्यवस्था एवं अन्य कार्यों के लिए उस दिन फिल्ड में रहना जरुरी था ताकि लोग शांतिपूर्ण ढंग से ईद मना सकें। आज के दिन इसका आयोजन किया गया है, इसमें शामिल होकर मुझे काफी खुशी हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति बनाना सरकार का काम होता है लेकिन सरकार के द्वारा तय की गई नीतियों का क्रियान्वयन करना आपलोगों का काम होता है। बिहार के सभी क्षेत्रों में काफी काम हुआ है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम करवाया गया है। पहले गरीबी के कारण माता-पिता अपने बच्चियों को 5वीं क्लास के बाद पढ़ने के लिए स्कूल नहीं भेज पाते थे। हमने पोशाक योजना की शुरुआत करायी ताकि बच्चियां स्कूल जा सकें। इसके बाद साइकिल योजना शुरु की गई। हमलोगों ने छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति देना भी शुरु किया। विदेश के लोगों ने भी बिहार में चलायी गयी साइकिल योजना की काफी प्रशंसा की। स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। अस्पतालों के निर्माण के साथ-साथ मुफ्त दवा की व्यवस्था और डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गई। लोगों के लिए बेहतर इलाज की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि आजकल नया दौर आ गया है। पहले किए गए कार्यों को आपलोग मत भूलिएगा। सभी चीजों को सोशल मीडिया पर डालिए ताकि नई पीढ़ी के लोग इससे अवगत रहें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बिहार का प्रजनन दर काफी बढ़ा हुआ था। एक सर्वे में यह बात सामने आयी कि अगर पति-पत्नी में पत्नी मैट्रिक पास है तो देश का औसत प्रजनन दर 2 था जबकि बिहार का भी 2 ही था। पत्नी अगर इंटर पास है तो देश का प्रजनन दर 1. 7 था जबकि बिहार का 1.6 ही था। बिहार का प्रजनन दर अब 4.3 से घटकर 2.9 पर आ गया है। लड़कियों को पढ़ाने से प्रजनन दर और घटेगा। सभी के लिए शिक्षा बहुत ही जरूरी है। लड़कियां पढ़ेंगी तो प्रजनन दर और घटेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्यों से संबंधित समाचार बिहार में नहीं छपता था। हमने इसको लेकर संबंधित लोगों से अनुरोध किया था। अब शिक्षा और स्वास्थ्य की खबरें भी छपती है। अब लोगों को इसके बारे में जानकारी मिलती है। कोरोना के दौर में भी बिहार में काफी काम हुआ। देश में सबसे अधिक कोरोना की जाँच बिहार में हो रही है। देश में 10 लाख की आबादी पर कोरोना की औसत जांच 7 लाख के करीब है, जबकि बिहार में 10 लाख की आबादी पर कोरोना की औसत जांच 8.5 लाख से ज्यादा हो रही है। कोरोना की रिपोर्ट वर्ष 2020 से प्रतिदिन मेरे पास आती है। बिहार में हुए काम की चर्चा कहीं नहीं होती है। हमलोग काम करते हैं, प्रचार नहीं करते।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति पैदा होने पर भी हमलोग पीड़ितों को सहयोग करते हैं। हमलोग सभी वर्गों के लिए काम करते हैं। वर्ष 2015 में हमने सात निश्चय योजना शुरु की। वर्ष 2020 में हमने सात निश्चय -2 योजना शुरु की। वर्ष 2005 एवं 2010 में भी हमने जो तय किया था, सरकार में आने के बाद उसे लागू किया। हर घर नल का जल योजना को मेंटेन रखना है। विभाग को देखना है कि इस योजना का लाभ सभी लोगों को मिलता रहे। सड़क, पुल-पुलियों एवं भवनों का निर्माण के साथ-साथ उसका मेंटेनेंस भी बहुत जरुरी है। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या काफी कम थी। हमने इसका नामकरण जीविका किया और इससे जुड़ी महिलाओं को जीविका दीदी कहा आज बिहार में स्वयं सहायता समूह की जितनी संख्या है उतनी देश में कहीं नहीं है। बिहार में 1 करोड़ 30 लाख महिलाएं जीविका समूह से जुड़ी हुई है। साधारण एवं गरीब परिवार की महिलाएं जीविका समूह से जुडी हुई हैं। समाधान यात्रा के दौरान हमने सभी जिलों में जीविका समूह की महिलाओं से संवाद किया था। जीविका समूह के काम और आगे बढ़ाना है ताकि इससे जुड़ी महिलाओं को और लाभ मिल सके और आमदनी बढ़े। उन्होंने कहा कि अब शहरों में जीविका समूह का गठन करें। शहरों में भी महिलाएं काफी तादाद में जीविका समूह से जुड़ेंगी। मौसम को लेकर इस बार भी आशंकाएं व्यक्त की गई हैं। आपदा पीड़ित परिवारों का राज्य के खजाने पर पहला अधिकार है। समय पर वर्षा नहीं होने एवं कई बार अत्यधिक वर्षा होने से परेशानी होती है। बदलते मौसम को लेकर सावधान रहना है। इस पर ध्यान देना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों को हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाना है। इसको लेकर तेजी से काम करें। गया, बोधगया एवं राजगीर में हमने गंगाजल पहुंचा दिया है। वर्ष 2011 में हमने बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम लागू किया। वर्ष 2016 में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम लागू किया गया। 60 प्रतिशत हत्याएं भूमि विवाद के कारण होती है। इसको लेकर हमने 2013 में सर्वे एवं सेटलमेंट का काम शुरु कराया। सर्वे एवं सेटलमेंट का काम तेजी से पूरा होने पर जमीन का झगड़ा कम हो जायेगा। बिहार देश का पहला राज्य था जहां एरियल सर्वे का काम सबसे पहले कराया गया। जल्द से जल्द सर्वे एवं सेटलमेंट का काम पूरा कराएं। उन्होंने कहा कि समाधान यात्रा के दौरान हमनें लोगों की बातों को सुनी है। लोगों की समस्याओं के समाधान पर आपलोग ध्यान दीजिए। इसको लेकर जो भी करना होगा हमलोग करेंगे। कोई काम अगर समय पर पूरा नहीं हो पा रहा है तो उसे पूर्ण कराएं। विशेष राज्य का दर्जा मिलने से बिहार का और तेजी से विकास होता ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में हमलोग जाति आधारित गणना करवा रहे हैं। जनगणना कराना केंद्र सरकार का काम है। हमलोग जाति आधारित गणना करवा रहे हैं फिर भी इसे जगह-जगह पर चैलेंज किया जा रहा है। यह मेरी समझ से परे है। आखिर जाति आधारित गणना से किसी को क्या परेशानी हो सकती है। यह गणना किसी के खिलाफ नहीं है। बिहार में हो रहे जाति आधारित गणना का काम कई दूसरे राज्य के लोग भी देखना चाहते हैं। वे लोग भी अपने-अपने राज्यों में इसे करवायेंगे। पहली बार देश में 10 साल के बाद जनगणना नहीं हो रही है। वर्ष 2011 में जाति आधारित जनगणना करवायी गई थी लेकिन उसकी रिपोर्ट को पब्लिश नहीं किया गया। हमलोगों ने प्रधानमंत्री से मिलकर जाति आधारित जनगणना की मांग की थी। इसमें सभी दलों के प्रतिनिधि शामिल थे लेकिन बात नहीं मानी गई। बिहार विधानमंडल से दो बार सर्वसम्मति से जाति आधारित जनगणना को लेकर प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजा गया था। उन्होंने कहा कि विकास का जो काम हो रहा है उसे और आगे बढ़ाएं, सभी अधिकारी अच्छा कार्य कर रहे हैं। सभी मेहनत कर रहे हैं। आपलोग पूरी मजबूती से विकास का काम कीजिए। बिहार ऐतिहासिक और पौराणिक जगह है। आप सभी पूरी मुस्तैदी और मेहनत से कार्य करें ताकि बिहार और आगे बढ़े। बिहार आगे बढ़ेगा तो देश भी आगे बढ़ेगा। हम आपका सम्मान करते हैं। आपको और सहयोग की जहां जरूरत हो, हमलोग करेंगे। सिविल सेवा दिवस के अवसर पर आप सभी को बधाई और शुभकामनाएं देते हैं।

कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, पूर्व मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार तथा मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव डॉ० बी० राजेन्दर ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न एवं हरित पौधा भेंटकर स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं एवं उपलब्धियों पर आधारित लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सिविल सेवा दिवस ‘स्मारिका का भी विमोचन किया।

कार्यक्रम के दौरान मगध प्रमंडल के आयुक्त श्री मयंक बरबरे ने बिपार्ड की सक्सेस स्टोरी पर आधारित प्रस्तुतीकरण दिया। जहानाबाद के जिलाधिकारी श्री रिची पांडेय ने नवाचारी प्रयोग के आधार पर जिले में किए गए कार्यों का प्रस्तुतीकरण दिया।

बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए पटना जिला के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह को प्रथम स्थान, समस्तीपुर जिला के जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह को द्वितीय स्थान तथा गोपालगंज के जिलाधिकारी डॉ० नवल किशोर यादव को तीसरा स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत किया गया। बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए सुपौल जिला के जिलाधिकारी श्री कौशल कुमार को प्रथम स्थान, जमुई जिला के जिलाधिकारी श्री अवनीश कुमार सिंह को द्वितीय स्थान तथा शिवहर के जिलाधिकारी राम शंकर को तीसरा स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत किया गया।

सात निश्चय योजना के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए सीवान जिला के जिलाधिकारी श्री मुकुल कुमार गुप्ता को प्रथम स्थान, बक्सर जिला के जिलाधिकारी श्री अंशुल अग्रवाल को द्वितीय स्थान तथा शिवहर के जिलाधिकारी श्री राम शंकर को तीसरा स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत किया गया।

जल- जीवन – हरियाली अभियान के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए नालंदा जिला के जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर को प्रथम स्थान, मुंगेर जिला के जिलाधिकारी श्री नवीन कुमार को द्वितीय स्थान तथा गया के जिलाधिकारी डॉ० त्याग राजन एस०एम० को तीसरा स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत किया गया।

राजस्व संग्रह 2022-23 के लिए बेहतर कार्य करने के लिए राज्य परिवहन आयुक्त श्री बी० कार्तिकेय धनजी और वाणिज्य कर विभाग की सचिव डॉ० प्रतिमा एस० वर्मा को सम्मानित किया गया।

नवाचार प्रयोगों के लिए विभागों द्वारा दिए गए प्रस्तुतीकरण के लिए बिपार्ड के अपर महानिदेशक सह आयुक्त मगध प्रमण्डल श्री मयंक बरबरे को प्रथम स्थान, वाणिज्य कर विभाग की सचिव डॉ० प्रतिमा एस० वर्मा को दूसरे स्थान तथा विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह एवं पटना नगर निगम के आयुक्त श्री अनिमेष पराशर को तीसरे स्थान प्राप्त करने के लिये सम्मानित किया गया ।
नवाचारी प्रयोग के माध्यम से बेहतर कार्य करने के लिए जहानाबाद जिला के जिलाधिकारी श्री रिची पांडेय को प्रथम स्थान, बांका जिला के जिलाधिकारी श्री अंशुल कुमार को द्वितीय स्थान तथा गया जिला के जिलाधाकारी डॉ० त्याग राजन एस०एम० और सुपौल के जिलाधिकारी श्री कौशल कुमार को तृतीय स्थान प्राप्त करने के लिए सम्मानित किया गया ।

इस अवसर पर विकास आयुक्त श्री विवेक कुमार सिंह, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री ब्रजेश मेहरोत्रा, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री चैतन्य प्रसाद, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव डॉ० बी० राजेन्दर, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय श्री जे०एस० गंगवार, सचिव सूचना एवं जन-सम्पर्क श्री अनुपम कुमार, बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसायटी की अपर मिशन निदेशक डॉ० प्रतिमा एस० वर्मा सहित विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारीगण एवं सिविल सेवक उपस्थित थे ।

कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। आनंद मोहन सहित अन्य कैदियों को जेल से रिहा करने के पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एक आदमी के बारे में जो इतनी बात की जा रही है, यह आश्चर्यजनक है। मुख्य सचिव ने कल ही इसके बारे में सारी बातें बता दी है। अगर आपलोग इसको जानना चाहते हैं तो केंद्र से 2016 में जो मेन्यूअल जारी हुआ था उसमें क्या प्रावधान है? जब किसी के लिये विशेष प्रावधान ही नहीं है किंतु बिहार में था वो भी हट गया, अब सबके लिये बराबर हो गया। यह प्रावधान किसी राज्य में नहीं है। क्या सरकारी अधिकारी की हत्या और सामान्य आदमी की हत्या इन दोनों में फर्क होना चाहिये? आज तक ऐसा कहीं होता है? आजीवन कारावास में बंद कैदियों कि वास्तविक अवधि 14 वर्ष एवं परिहार जोड़कर 20 वर्ष पूर्ण करने के उपरांत कारा से मुक्त करने का प्रावधान है। बिहार में वर्ष 2017 से अभी तक 22 बार परिहार परिषद् की बैठक हुई और 698 बंदियों को कारा मुक्त किया गया। केंद्र सरकार द्वारा 26 जनवरी और 15 अगस्त को और बाकी अन्य दिवस के अवसर पर बंदियों को छोड़ा जाता है। बिहार में 2017 से अब तक कई कैदियों को रिहा किया गया है। इस बार भी 27 कैदियों को रिहा किया गया है। उसमें एक ही पर चर्चा हो रही है। इसका तो कोई मतलब नहीं है। तरह-तरह के लोग बयान देते हैं तो हमको तो आश्चर्य लगा। हमको ये कहना उचित नहीं है । जो लोग पहले इसका डिमांड कर रहे थे। जब रिहाई हो गयी तो विरोध कर रहे हैं। इस विरोध का कोई मतलब नहीं है। इसको लेकर विरोध करने का अब कोई तुक नहीं है।

सी०पी०आई० माले द्वारा अरवल में टाडा बंदियों छोड़ने की मांग के पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो प्रावधान है, जो नियम है, उसके अनुरूप ससमय बंदियों को छोड़ने की कार्रवाई की जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई राज्यों द्वारा बंदियों को रिलीज किया जाता है। वर्ष 2020-21 में असम में 280, छत्तीसगढ़ में 338, गुजरात में 47, हरियाणा में 79, हिमाचल प्रदेश में 50, झारखंड में 298, कर्नाटक में 195, केरल में 123, मध्यप्रदेश में 692, महाराष्ट्र में 313, उड़ीसा में 203, राजस्थान में 346, तेलंगाना में 139, उत्तर प्रदेश में 656, दिल्ली में 280 और केंद्र शासित प्रदेशों में 294 बंदियों को रिलीज किया गया है। बिहार में वर्ष 2020 और 2021 दोनों को मिलाकर कुल 105 बंदियों को रिहा किया गया है। अन्य राज्यों से आप बिहार की तुलना कर लीजिये ।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा अपने आवास के रेनोवेशन में 45 करोड़ खर्च किये जाने के पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन-जिन राज्यों में जो लोग मजबूत है उनकी आलोचना इसी प्रकार से होते रहती है।