दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी के पुण्य तिथि के अवसर पर सांसद लवली आनंद की अध्यक्षता में दिल्ली के कंस्टीच्युसन हॉल में आज समारोह का आयोजन किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि राज्य सभा के उप सभापति डॉ हरिवंश नारायण ने चंद्रशेखर जी को नमन करते हुए कहा कि सत्ता मे हो या सत्ता के बाहर चंद्रशेखर जी हमेशा सच के लिए जाने जाते हैं। कांग्रेस मे रहने के बाबजूद कांग्रेस के नीतियों का हमेशा विरोध करते रहे। एक वाक्य सुनाते हुए उप सभापति राज्यसभा डॉ हरिबंस नारायण ने कहा कि चंद्रशेखर वो शख्स थे जब वे जेल बंद मे थे तो प्रधानमंत्री इंद्रा गांधी ने काफी कोशिश की वे मिल जाय इस ऐवज में उनकी रिहाई हो जाएगी। लेकिन वे तैयार नहीं हुए उन्हें दिल्ली तिहाड़ जेल के कोठरी में बंद कर दिया गया, लेकिन उन्होने समझोता नहीं किया था। हरिवंश बाबू ने कहा कि वे कभी भी गलत का साथ नहीं दिया मोरारजी देसाई जब प्रधानमंत्री हो गए तो इंद्रा गांधी जी बहुत परेशान थी तो चंद्रशेखर जी ने उनसे मिलने में भी गुरेज नही किया। जब उन्हें पता चला कि इंद्रागंधी के मकान को खाली कराया जा रहा है तो उन्होने प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई से मिलकर दो टूक कहा यह गलत हैं।
प्रसिद्ध पत्रकार व विचारक श्री राम बहादुर राय ने चन्द्रशेखर जी को याद करते हुऐ कहा कि वे समाजधवादी विचारधारा के राजनेताओं मे अंतिम शक्श थे। उन्होने हमेशा लिखने पढ़ने के साथ पत्रकार भी थे। उन्होने एक संस्मरण सुनाते हुए कहा कि वे अपने पुराने साथियों को कभी नही भूलते थे। जब उनकी आत्मकथा तैयार हो गई तब उन्होने किताब ली और उसमे अपने साथियों के नाम जोड़ा। उन्होने कहा कि चन्द्रशेखर जब प्रधानमंत्री बनने वाले थे तो देश आरक्षण की आग मे जल रहा था। चन्द्रशेखर जी पहले प्रधानमंत्री हुए जो शपथ लेकर सार्क सम्मेलन मे गए तो विदेश विभाग के नोट के बजाय खुद अपने बात को रखा। अयोध्या के मसले को जब उन्होने समाप्त करने का प्रयास किया और बात आगे बढ़ी तो राजीव गांधी ने एक पुलिस के जासूसी की बात लोकसभा मे कह दी। परंतु चन्द्रशेखर जी ने उसके बाद लाख राजीव गांधी के गलती मानने के बाबजूद इस्तीफा दे दिया। उन्होने कभी स्वाभिमान से समझौता नहीं किया। आज चन्द्रशेखर जी का अभाव लोकसभा को हो रहा हैं जिस तरह आज संसद का गतिरोध समाप्त हो जाता क्योंकि वे भारत के आवाज़ थे।
राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह राठौर ने चंद्रशेखर जी को याद करते हुए कहा कि आज के राजनीति में चंद्रशेखर जी जैसे राजनेता बिरले ही जन्म लेते हैं। सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने के बावजूद वे हमेशा छोटे से छोटे कार्यकर्ताओं के लिए सर्व सुलभ रहते थे। एक जनपद से निकलकर सत्ता के शीर्ष पद पर पहुंचने के बावजूद उनकी राजनीति अपने राष्ट्र के लिए केंद्रित रहता था। अपनी राजनीतिक सूझबूझ से उन्होंने देश को कई संकट काल से उवारने का जो कार्य किया हुआ आज भी अनुकरणीय है।
इस अवसर पर बिहार के पूर्व मंत्री अख्लाक अहमद ने स्व. चंद्रशेखर जी को याद करते हुए कहा कि चंद्रशेखर वो राजनेता थे जिनके समर्थक पूरे देश में नहीं सभी राजनीतिक दल में थे। उनके राजनीतिक स्कूल से निकले राजनेता विभिन्न प्रदेशों में मुख्यमंत्री से लेकर केंद्र में मंत्री भी रहे। चंद्रशेखर जैसे राजनेता आज के राजनीति में कम ही लोग बचे जो अपने नेता कार्यकर्ता ओ को आगे बढ़ाने में लगे रहे। वह सरकार में ना भी रहे लेकिन आज उन्होंने कोई बात कह दी तो सरकार सोचने पर मजबूर हो जाती थी।
बिहार के पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह ने चंद्रशेखर जी को नमन करते हुए कहा कि आज दिल्ली जैसे शहर में चंद्रशेखर जी को याद करने के लिए आयोजन करने के लिय पूर्व सांसद आनंद मोहन और सांसद लवली आनंद की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा आज जरूरत है कि चंद्रशेखर जी के विचारों को गांव तक फैलाएं। आज राजनीति में आयी गिरावट को हम चंद्रशेखर जी के विचारो व नीतियों पर ही चलकर दूर कर सकते हैं।
अपने स्वागत भाषण में पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि चंद्रशेखर केवल राजनेता नहीं एक विचारक है। इतिहास गवाह है कि देश में जो भी सरकार चंद्रशेखर जी के विचार से अलग हुई ज्यादा दिनों तक नहीं चल पायी। मैं खुद उनके विचार को अपने जीवन में उतार कर समाज के बीच हुं।आज जरूरत है खासकर युवाओं को उनके विचारों को अपनाकर राष्ट्र को मजबूत करें।
चंद्रशेखर जी को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए समारोह की अध्यक्षता कर रही सांसद लवली आनंद ने कहा कि चंद्रशेखर से हमारे पारिवारिक संबंध थे। हर सुख दुख में उनका सदैव आशीर्वाद मिलता रहा। चन्द्रशेखर जी वो राजनेताओं थे जिन्होंने सत्य के लिए सत्ता को ठुकरा दिया जबकि आज के राज नेता कुर्सी से चिपके रहते हैं।
बिहार विधान सभा के सदस्य चेतन आनंद ने उन्हें याद करते हुए कहा कि चन्द्रशेखर त्रजनेता नहीं महामानव थे। राष्ट्र को गुलामी से निकालने के लिए घास की रोटी खाई उसी तरह चन्द्रशेखर जी भी एक मात्र राजनेता थे जिन्होंने देश की जनता के लिए काश्मीर से कन्याकुमारी तक की पैदल नापकर नई दिशा दी।
जदयू के राजनैतिक सलाहकार समिति के सदस्य मनोज लाल दास मनु ने चन्द्रशेखर जी नमन करते हुए कहा कि समाजवादी विचार धारा के अन्तिम करी थे। उन्होंने युवाओं को आगे बढ़ाने का काम किया। वो एक मात्र ऐसे राजनेता थे जो अपने हर कार्यकर्ता के दुख सुख के साथी थे।
इस अवसर पर पुर्व विधायक नगीना देवी, पुर्व मंत्री यूपी नारद राय, हरिकिशोर सिंह, डी के सिंह माल बाबू, सुभाष सिंह, बबन सिंह, मुकेश सिंह, आश्वानी कर्ण, सतेन्द्र सिंह छपरिया, सुनील तिवारी आदि राजस्थान उत्तर प्रदेश बिहार से सैकरो चन्द्रशेखर के अनुआई उपस्थित थे।