पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नवगठित सरकार में अपने बेटे दीपक प्रकाश कुशवाहा को मंत्री बनाने के बाद से चर्चा में चल रहे राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा के दल राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के तीन विधायक विधानसभा अध्यक्ष प्रेम कुमार से मिलने अकेले-अकेले चले गए। पार्टी की चौथी विधायक, सचेतक एवं उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता और उनके मंत्री बेटे दीपक प्रकाश कुशवाहा इस मुलाकात में नहीं दिखे। मंत्री नहीं बनाने को लेकर पार्टी के विधायक दल के नेता माधव आनंद की नाराजगी और एक नए राजनीतिक खेल की चर्चा शुरू हो गई है, जिसमें माधव आनंद, आलोक सिंह और रामेश्वर महतो एक गुट में नजर आ रहे हैं।
कुशवाहा की पार्टी के टिकट पर मधुबनी के विधायक माधव आनंद, दिनारा के एमएलए आलोक सिंह और बाजपट्टी के विधायक रामेश्वर महतो असेंबली स्पीकर के पद पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक प्रेम कुमार के चुनाव के बाद उनके चैंबर में बधाई देने गए थे। इस मुलाकात की तस्वीर स्वयं माधव आनंद ने ही शेयर किया है। उसके बाद से ही फोटो का राजनीतिक मतलब निकाला जा रहा है। चर्चा यह है कि स्नेहलता को छोड़कर रालोमो के 4 विधायकों में 3 एमएलए ने उपेंद्र कुशवाहा के परिवारवाद के खिलाफ हाथ मिलाकर गुट बना लिया है। हालांकि माधव आनंद ने स्पीकर से मिलने के बाद मीडिया के सवालों के जवाब में कहा था कि उनके निकलने के समय दीपक प्रकाश भी आ गए गए थे और वो भी स्पीकर से मिले हैं।
स्पीकर प्रेम कुमार के चैंबर में मुलाकात की ग्रुप फोटो माधव आनंद और रामेश्वर महतो ने शेयर की है, लेकिन आलोक सिंह ने स्पीकर को गुलदस्ता देते अपनी अकेले का फोटो छापा है। माधव आनंद ने मीडिया से बातचीत में पार्टी में नाराजगी और टूट की अटकलों पर यह कहकर विराम लगाया है कि कहीं कोई नाराजगी नहीं है और वो तोड़ने वालों में से हैं, टूटने वालों में नहीं।
माधव आनंद ने कहा- ‘कोई नाराजगी नहीं है। पार्टी का निर्णय है। जब पार्टी का निर्णय होता है तो सब लोगों को स्वीकार करना चाहिए। व्यक्तिगत बात जहां तक है, सबकी इच्छा होती है। मैं भी पढ़ा-लिखा हूं। अर्थशास्त्री हूं। सबकी आशाएं थी कि पार्टी में इतने वर्षों से हैं। जनता का आशा तो रहता ही है कि सब बने। लेकिन सब मंत्री तो नहीं बन सकता। लेकिन नहीं मंत्री बने, इस बात पर नाराजगी जैसी कोई चीज नहीं है। कोई नाराजगी नहीं है। पार्टी सर्वोपरि होती है। पार्टी ने जो निर्णय लिया, हम सब लोग साथ में खड़े हैं।’
