पटना : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर स्वतंत्रता संग्राम के हुतात्माओं की स्मृति में मौन श्रद्धांजलि अर्पित किये जाने का मुख्य कार्यक्रम पटना के गांधी घाट पर आयोजित किया गया। राज्यपाल फागू चौहान एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्प चक्र अर्पित कर महात्मा गांधी एवं हुतात्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर सशस्त्र पुलिस द्वारा सलामी दी गई तथा दो मिनट की शोक सलामी भी दी गयी। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम के हुतात्माओं की स्मृति में मौन श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, विधान पार्षद कुमुद वर्मा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, आयुक्त, पटना प्रमंडल कुमार रवि, पटना के जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना मानवजीत सिंह ढिल्लो, राज्य नागरिक परिषद् के पूर्व महासचिव अरविन्द कुमार सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा कई सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया और मौन श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम के पश्चात् पत्रकारों से बात करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बापू की पुण्य तिथि है। आज ही के दिन बापू की हत्या हुई थी। बापू को कभी कोई भुला नहीं सकता है। इसके लिए हम सबको अलर्ट कर रहे हैं। स्कूल-कॉलेज से लेकर हर जगह हम बापू की ही बात करते हैं। राष्ट्रपिता ने जो आजादी दिलायी इसलिए बापू के रुप में हमलोग उन्हें याद करते हैं। बापू के किए गए हर काम को बिहार में नई पीढ़ी तक पहुंचाया जा रहा है। गांधी जी ने जो सात सामाजिक पाप बताए हैं उसको सभी जगह हमने लिखवा दिया है और लोगों को इसके बारे में बताते भी हैं। बापू की एक-एक बात को नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से नई पीढ़ी तक पहुंचा देना है। जब सारी बातों की जानकारी होगी तभी समाज में सुधार होगा। आज कल लोग बहुत तरह की बात कर रहे हैं। समाज के हर तबके की एकता की बात हमलोग करते हैं। आजादी के इतिहास को भूला पाना इंपॉशिबल है। आजादी के लिए जितने लोगों ने काम किया उन सभी लोगों को याद किया जाता है। असली आजादी कैसे मिली और उसके लिए जितने लोगों ने काम किया उन सबों को याद किया जाता है। भाजपा से गठबंधन के सवाल पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमसे अब गठबंधन का क्या मतलब है। हमलोग तो श्रद्धेय अटल जी को मानने वाले हैं। हमलोग उनके साथ थे, वे कितने अच्छे थे। उसके बाद हमलोगों ने भाजपा से नाता तोड़ लिया था। ये लोग बाद में पीछे पड़कर वर्ष 2017 में हमारे साथ आए, उनकी बात मानकर चले गए फिर हमलोग अलग हो गए। वर्ष 2020 में उन्होंने हमलोगों के साथ कितना गलत किया। हम उस समय मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहते थे लेकिन जबरदस्ती मुझे मुख्यमंत्री बना दिया गया। हमने कहा था कि आपलोगों ने ज्यादा सीटें जीती हैं, आपलोग बनिए। पहले कुछ दिन सबलोग ठीक रहे लेकिन बाद में इधर-उधर करने लगे। हमारी पार्टी के लोगों ने मुझे बताया कि हमलोग अपने बल पर जीते हैं और हारे हुए प्रत्याशियों ने बताया कि हमको किस तरह से हरवाया गया।
भाजपा वाले जो भी सीटें जीते उसमें हमारी पार्टी के समर्थकों ने जमकर वोट दिया। अब आगे का चुनाव होगा तब देखिएगा, अभी क्यों चिंता कर रहे हैं। बिहार को ठीक से जान लीजिए। आपलोग नयी पीढ़ी के लोग हैं पहले हमलोग कितनी बार जीते थे। जब एलायंस था तो 2005 के फरवरी में कितनी सीटें हमलोग जीते और वो लोग कितना जीते देख लीजिए, नवंबर में हमलोगों ने कितनी सीटें जीतीं। फिर 2010 में हमलोगों ने कितनी सीटें जीतीं। हमारे सिंबल पर दूसरे को लड़वाकर इधर-उधर करते थे। हमलोगों ने वर्ष 2005 से हिंदू, मुस्लिम सबके हित में काम किया। यही कारण था कि अल्पसंख्यक समाज के लोग भी भाजपा वालों को वोट दे रहे थे। वर्ष 2015 में जब हम अलग हो गए थे तब उन्हें कितनी सीटें मिली थीं। इस बार हमको हरवाकर हमारा ही वोट लेकर वे लोग जीते। हम तो श्रद्धेय अटल जी के चलते उस वक्त साथ में चले गए थे। अब जब से ये लोग आए गए हैं तो सब चीज बदल रहे हैं। हर चीज को बदलना चाह रहे हैं। सब का नया-नया नाम रख रहे हैं। हम तो इसी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे, आज 50 साल हो गया पास किए हुए मेरे पिताजी स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने मुझे बचपन में कई बातें बताई थीं। आजादी की लड़ाई के बारे में नयी पीढ़ी के लोगों को बताना है। बापू की बातों को हमेशा याद रखना है। हिंदू – मुस्लिम का कभी झंझट नहीं होना चाहिए लेकिन कुछ लोग इधर-उधर करते रहता है, उस पर ध्यान रखना है। बापू सबको समझा रहे थे लेकिन उनकी हत्या कर दी गई। वे मुसलमानों की रक्षा करते थे इसीलिए उनकी हत्या कर दी गई। ये सब बातें नयी पीढ़ी के लोगों को बताना है, उन्हें याद रखना चाहिए। वे लोग इसे भुलवाना चाहेंगे।
हमें भाजपा के साथ जाना कबूल नहीं है। लालू प्रसाद यादव जी के साथ क्या-क्या नहीं हुआ। हमको व्यक्तिगत कुछ नहीं चाहिए। मेरा निजी कोई स्वार्थ नहीं है। हमको कुछ नहीं बनना है । हम विपक्षी दलों की एकता चाहते हैं। हम सबके लिए काम करते हैं और करते रहेंगे। 17 साल से बिहार में काम कर रहे हैं और केंद्र में थे तब भी काम करते थे। श्रद्धेय अटल जी की सरकार में रेलवे का कितना काम हुआ था। अब तो रेल का बजट ही खत्म कर दिया गया है। ये लोग बुरी तरह चिंतित हैं इसीलिए अनाप-शनाप बोलते रहते हैं। हम कभी कुछ बोलते हैं हम तो अपने काम में लगे रहते हैं। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आपलोग देख लीजिएगा। इनलोगों को कुछ नहीं मिलेगा। फैसला जनता करेगी। मेरे खिलाफ रोज बोलिए अगर कुछ फायदा हो जाए तो बहुत अच्छा है। ये लोग झूठे प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं।