पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अगामी 18 जुलाई से राजगीर में शुरू होने वाले मलमास (पुरुषोत्तम मास ) मेला-2023 की तैयारियों का जायजा लिया I जायजा के क्रम में मुख्यमंत्री ने राजगीर स्थित वैतरणी धाम घाट ब्रह्म कुंड, सरस्वती कुंड का जीर्णोद्धार, पांडू पोखर, व्यास कुंड आदि का जायजा लिया।
अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वैतरणी धाम घाट पर श्रद्धालु काफी संख्या में पहुंचते हैं, ये बहुत महत्वपूर्ण स्थल है। यहां वैतरणी में स्वच्छ जल के साथ-साथ घाट की साफ-सफाई का प्रबंध बेहतर रखें। मलमास मेले के दौरान आने वाले सभी श्रद्धालुओं की इच्छा होती है कि वे वैतरणी घाट आकर यहां की जो परंपरा है उसका निर्वहन करें। मलमास मेला के शुरू होने में अब समय काफी कम बचा है, इसे ध्यान में रखते हुए काम तेजी से पूर्ण करायें ताकि लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि हर तीन वर्ष पर मलमास मेले का आयोजन होता है लेकिन कोरोना के कारण पिछली बार यह आयोजन नहीं हो सका। ब्रह्म कुंड के पास स्थित सरस्वती कुंड के जीर्णोद्धार कार्य का मुआयना के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यहां पानी का फ्लो बेहतर ढंग से हो, इसका पुख्ता प्रबंध रखें, यही हमारी इच्छा है। मलमास मेले में आने वाले श्रद्धालुओं का प्रथम स्नान यहीं होता है। ब्रह्म कुंड और पांडू पोखर के बीच खाली पड़े हिस्से को विकसित करने का मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया, जिससे यहां आने वाले लोग उपनयन संस्कार एवं अनुष्ठान कर सकें।
निरीक्षण के पश्चात् मुख्यमंत्री ने राजगीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर सभागार में मलमास मेला – 2023 की तैयारियों के संबंध में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक में पटना के प्रमंडलीय आयुक्त श्री कुमार रवि ने मलमास मेला – 2023 का जिला प्रशासन द्वारा की जा रही तैयारियों के संबंध में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में आयोजित मलमास मेले में 55 लाख श्रद्धालु यहाँ आये थे। कोरोना के कारण पिछली बार यह आयोजन नहीं हो सका। अपने प्रस्तुतीकरण में प्रमंडलीय आयुक्त ने मलमास मेला- 2023 में आने वाले श्रद्धालुओं के आवासन हेतु टेंट सिटी, शौचालय, स्नानागार, स्वास्थ्य कैंप, यात्री शेड, कचरा प्रबंधन, चेंजिंग रूम, पेयजल, साफ-सफाई, फॉगिंग, अस्थाई अस्पताल, सी०सी०टी०वी० कैमरा का अधिष्ठापन, अस्थाई थाना, अग्निशमन, स्नान कुंड के निकट प्रतीक्षा गृह, भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था, पर्याप्त रौशनी की व्यवस्था, नियंत्रण कक्ष, पुलिसकर्मियों की तैनाती, ट्रैफिक आउट पोस्ट, एंबुलेंस की व्यवस्था, चिकित्सकों की तैनाती, बैरिकेटिंक, साइनेज, हेल्प डेस्क, पब्लिक एड्रेस सिस्टम आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा ब्रह्म कुंड परिसर में जीर्णोद्धार कार्य कराया जा रहा है। जल संसाधन विभाग द्वारा सरस्वती नदी एवं वैतरणी घाट का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। यह काम 20 जून तक पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि सूचना एवं जन संपर्क विभाग द्वारा मलमास मेले से संबंधित प्रचार-प्रसार का काम -कराया जा रहा है, होर्डिंग बैनर भी जगह-जगह लगाये जा रहे हैं। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जायेगा। मलमास मेला के वेबसाइट एवं मोबाइल एप्लिकेशन की व्यवस्था भी की गई है ताकि यहां आने वाले श्रद्धालु ऑनलाइन टेंट सिटी बुक कर सकें और यहां की तैयारियों के संबंध में जानकारी ले सकें।
समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस बार की स्थिति भिन्न है क्योंकि इस बार बरसात के मौसम में मेला का आयोजन होने वाला है। इसे ध्यान में रखते हुए हर प्रकार से पुख्ता इंतजाम रखें ताकि श्रद्धालुओं को सहूलियत मिल सके । इसके लिये जितने पैसे की जरूरत होगी उसका इंतजाम राज्य सरकार करायेगी। लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका विशेष रूप से ख्याल रखें। सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता प्रबंध रखें ताकि कोई चाहकर भी गड़बड़ी न कर सके। प्रशिक्षित पुलिस बलों की मुस्तैदी मेला परिसर में रखें ताकि स्थिति नियंत्रित रहे और लोग सुरक्षित रहें। मलमास मेला का आयोजन पूरे एक माह तक होता है। इस बार बरसात का मौसम है। इसको ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन का भी पुख्ता प्रबंधन सुनिश्चित करायें। लोगों को आवागमन में असुविधा न हो इसके लिये राजगीर आने वाले हर रास्ते को दुरुस्त रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगाजल आपूर्ति योजना के माध्यम से यहां गंगाजल की आपूर्ति की जा रही है। मेला परिसर में कुछ निश्चित स्थानों पर श्रद्धालुओं के लिये पेय गंगाजल उपलब्ध करायें और उन स्थानों पर यह जरूर अंकित करायें कि यह गंगाजल आपूर्ति योजना के माध्यम से पीने के लिये गंगाजल की उपलब्धता कराई गई है, इसे बेवजह बर्बाद न करें। उन्होंने कहा कि तीन जगहों पर गंगाजल आपूर्ति योजना के माध्यम से गंगाजल की आपूर्ति की जा रही है। अब लोगों को भू-जल की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। मेले में गंगाजल की उपलब्धता होने से लोगों में बड़ी खुशी होगी। उन्होंने कहा कि ब्रह्म कुंड के पास काफी संख्या में लोग आते हैं। ऐसे में कुछ लोग पहाड़ पर भी चले जाते हैं, लोग सुरक्षित रहें इसका विशेष रूप से ध्यान रखें। मलमास मेला में इस बार काफी संख्या में लोगों के पहुंचने की संभावना है, इसे ध्यान में रखते हुए उनके आवासन, चिकित्सा, सुरक्षा सहित अन्य आवश्यक सुविधाओं का विशेष रूप से ख्याल रखें ताकि उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई न हो।