पटना : अन्तर्राष्ट्रीय इस्सयोग समाज के तत्त्वावधान में रविवार को गोलारोड स्थित एम एस एम बी इस्सयोग भवन में ‘शक्तिपात-दीक्षा समारोह’ का आयोजन किया गया। संस्था की अध्यक्ष एवं ब्रह्मनिष्ठ सदगुरुमाता माँ विजया जी ने भारत के विभिन्न स्थानों तथा नेपाल से आए दो सौ से अधिक स्त्री-पुरुषों को ‘इस्सयोग’ की सूक्ष्म आंतरिक साधना आरंभ करने के लिए आवश्यक ‘शक्ति-दीक्षा’ प्रदान की। यह जानकारी देते हुए, संस्था के संयुक्त सचिव डा अनिल सुलभ ने बताया कि, कार्यक्रम का आरंभ इस्सयोग की विशिष्ट शैली में होने वाले अखंड भजन-संकीर्तन से हुआ।

माताजी के शुभ-पदार्पण के पश्चात भजन की पूर्णाहुति हुई और दीक्षा प्रक्रिया आरंभ हुई। माताजी ने दीक्षा के अभिलाषी व्यक्तियों को ‘इस्सयोग की साधना प्रक्रिया से अवगत कराकर साधना आरंभ करायी और शक्ति प्रदान की। दीक्षा के पश्चात अपने आशीर्वचन में माताजी ने सूक्ष्म-साधना की उपलब्धियों के विषय में बताया और कहा कि नियमित सधना से आध्यात्मिक-शक्तियाँ बढ़ती हैं और अनेक चमत्कारिक लाभ जीवन में होते है। यश एक आडंबर रहित अत्यंत सरल और हर किसी मनुष्य के द्वारा अपने घर में अपने बिस्तर पर की जाने वाली साधना-पढ़ती है, जिसके लिए किसी पूर्व तैयारी की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक साधक को सदा सकारात्मक सोचना चाहिए। नियमित साधना कारने वाले साधकों के मन में जो भी विचार और संकल्प आते हैं, वो पूरे होते हैं। यदि नकारात्मक विचार आएँगे तो वे भी पूरे हो सकते हैं। अस्तु नकारात्मक विचारों से बचना चाहिए। यदि ऐसे विचार आए तो उसे तुरत काटना चाहिए।

इस अवसर पर संस्था के संयुक्त सचिव उमेश कुमार, श्रीमती सरोज गुटगुटिया, संजय कुमार, कपिलेश्वर मंडल, अवधेश प्रसाद, ममता जमुआर, प्रदीप गायत्री, प्रभात झा, रजनी राजेश, मीरा चौरसिया, किरण प्रसाद, मंजू झा, वीरेंद्र राय, कुमार पीयूष, समेत सैकड़ों की संख्या में संस्था के अधिकारी, स्वयंसेवक तथा साधक-गण उपस्थित थे। प्रसाद वितरण के साथ दीक्षा-समारोह संपन्न हुआ।