लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इससे पहले इस पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि तीन आपराधिक कानूनों की जगह लाए गए विधेयक गुलामी की मानसिकता को मिटाने और औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति दिलाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाते हैं।
उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कांग्रेस पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि अगर मन इटली का है तो ये कानून कभी समझ नहीं आएगा, लेकिन अगर मन यहां का है तो समझ आ जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले के कानूनों के तहत ब्रिटिश राज की सलामती प्राथमिकता थी, अब मानव सुरक्षा, देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि मैंने तीनों विधेयकों को गहनता से पढ़ा है और इन्हें बनाने से पहले 158 परामर्श सत्रों में भाग लिया है। अमित शाह ने कहा कि CrPC में पहले 484 धाराएं थीं, अब इसमें 531 धाराएं होंगी। 177 धाराओं में बदलाव किए गए हैं और 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं। 39 नई उप-धाराएं जोड़ी गई हैं। 44 नए प्रावधान जोड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति की बात कही थी, उसी के तहत गृह मंत्रालय ने आपराधिक कानूनों में बदलाव के लिए गंभीरता से विचार किया।
महिलाओं और बच्चों को प्रभावित करने वाले कानूनों को प्राथमिकता
शाह ने लोकसभा में कहा कि नए कानून व्यक्ति की स्वतंत्रता, मानव के अधिकार और सबके साथ समान व्यवहार के तीन सिद्धांतों के आधार पर बनाए जा रहे हैं। आजादी के बाद पहली बार अपराध न्याय प्रणाली से जुड़े तीनों कानूनों का मानवीकरण होगा। नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों को प्रभावित करने वाले कानूनों को प्राथमिकता दी गई है। उसके बाद मानव अधिकारों से जुड़े कानूनों और देश की सुरक्षा से संबंधित कानूनों को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘मॉब लिंचिंग’ घृणित अपराध है और नए कानून में इस अपराध में फांसी की सजा का प्रावधान है।
आरोपी को याचिका दायर करने के लिए सात दिन मिलेंगे
अमित शाह ने कहा कि अब आरोपी को याचिका दायर करने के लिए सात दिन मिलेंगे। न्यायाधीश को उन सात दिनों में सुनवाई करनी होगी। मामले का ट्रायल शुरू करने के लिए अधिकतम 120 दिन का समय मिलेगा। पहले प्ली बार्गेनिंग के लिए कोई समय सीमा नहीं थी। अब अगर कोई अपराध के 30 दिनों के भीतर अपना अपराध स्वीकार कर लेता है तो सजा कम होगी। ट्रायल के दौरान दस्तावेज पेश करने का कोई प्रावधान नहीं था। हमने इसे अनिवार्य कर दिया है। 30 दिनों के भीतर सभी दस्तावेज प्रस्तुत किए जाएंगे। इसमें कोई देरी नहीं की जाएगी।
‘तारीख पे तारीख’ नहीं मिलेगी: शाह
अमित शाह ने कहा कि अब लोगों को ‘तारीख पे तारीख’ नहीं मिलेगी। अब शिकायत मिलने के तीन दिन के भीतर पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करनी होगी और 14 दिन के भीतर प्रारंभिक जांच पूरी करनी होगी। जांच रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट को सौंपनी होगी, आरोप पत्र दाखिल करने में 180 दिनों से अधिक की देरी नहीं की जा सकती है और अगर जांच अभी भी लंबित है, तो भी अदालत से विशेष अनुमति लेनी होगी।विज्ञापनउन्होंने कहा कि न्यायाधीश 45 दिनों से अधिक समय तक फैसला सुरक्षित नहीं रख पाएंगे। ऐसे अपराध के मामलों में एफएसएल टीम का दौरा अनिवार्य होगा, जहां सजा सात साल से अधिक है।
ट्रायल इन एब्सेंसिया का प्रावधान
अमित शाह ने कहा कि ट्रायल इन एब्सेंसिया का प्रावधान लाया गया है। देश में कई मामलों ने हमें झकझोर कर रख दिया, चाहे वह मुंबई बम ब्लास्ट हो या कोई और। वो लोग दूसरे देशों में छुपे हुए हैं और जिस वजह ये ट्रायल नहीं चल पा रहा है। उन्हें अब यहां आने की जरूरत नहीं है। अगर वे 90 दिनों के भीतर अदालत में पेश नहीं होते हैं तो उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलेगा। उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए एक सरकारी वकील नियुक्त किया जाएगा। उन्हें फांसी तक की सजा हो सकती है। इससे उन्हें वापस लाने की प्रक्रिया तेज हो जाएगी, क्योंकि इससे उन पर मुकदमा चलने पर दूसरे देश में उनकी स्थिति बदल जाएगी।
‘मोदी सरकार पहली बार आतंकवाद की व्याख्या करने जा रही’
उन्होंने कहा कि आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद की व्याख्या करने जा रही है। यह मानव अधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन है। इसके लिए जो भी जिम्मेदार है, उसे हम बख्शेंगे नहीं। इसके साथ ही राजद्रोह को देशद्रोह में बदला जा रहा है।
‘ये पीएम मोदी की सरकार है, जो कहती है वो करती है’
गृह मंत्री ने कहा कि हमने कहा था कि अयोध्या में हम जल्द से जल्द राम मंदिर बनाएंगे और 22 जनवरी 2024 को वहां रामलला विराजमान हो जाएंगे। ये पीएम मोदी की सरकार है, जो कहती है वो करती है। हमने कहा था कि हम संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण देंगे। कांग्रेस कई बार सत्ता में आई और तारीखें देती रहीं, लेकिन हमने इसे पूरा किया और बहुमत के साथ महिलाओं को सशक्त बनाया।