पटना : सम्पूर्ण विश्व में बिहार अपनी बौद्धिक सम्पदा के लिए विख्यात है। हाल ही में इसकी बानगी पटना में जन्मे एक 11वीं कक्षा के छात्र सैयद आबिस अख्तर से मिली है। केंद्रीय विद्यालय, गाजियाबाद के इस छात्र ने कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के कठिन विषय ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में महारत हासिल करके हाल ही जारी एक शैक्षिक वृत्तचित्र- सुपरटीन्स में अपनी जगह बनाई हैं। इस डाक्यूमेंट्री को मुंबई स्थित प्रतिष्ठित्त क्रू “कैमरा एंड शॉट्स” द्वारा बनाया गया है, जिन्होंने पहले अल्मा मैटर्स और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार विजेता वृत्तचित्र बॉर्डरलैंड्स जैसी नेटफ्लिक्स श्रृंखला बनाई है।

इस वृत्तचित्र को भारत के विभिन्न हिस्सों में लगभग दो वर्षों तक शूट किया गया था और इसे भारत के सबसे बड़े कंटेंट क्रिएटर्स में से एक तन्मय भट्ट द्वारा समर्थित किया गया था। यह भारत के चार युवा सॉफ्टवेयर डेवलपर्स की कहानी है जिसमें आबिस, उज्जवल, गजेश और कुणाल शामिल हैं। यह शिक्षातंत्र पर कोविड-2019 लॉकडाउन के कारण उत्पन्न हुई चुनौतियों और अवसरों पर प्रकाश डालता है । साथ ही ये दर्शाता है कि कैसे इन प्रतिभाशाली बच्चों ने कोरोना काल में कंप्यूटर की विभिन्न भाषाओँ को सीखा और उच्च स्तर के सॉफ्टवेयर प्रोग्राम बनाकर उन चुनौतियों को अवसरों में बदल दिया ।

यह इस बारे में बात करता है कि स्कूली शिक्षा और सॉफ्टवेयर विकास जैसे कौशल के बीच सामंजस्य क्यों महत्वपूर्ण है । इसी वर्ष आबिस ने कैलिफ़ोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित एप्पल का प्रतिष्ठित WWDC23 स्विफ्ट स्टूडेंट चैलेंज पुरस्कार जीता, जिसके माध्यम से एप्पल ने उनकी कोडिंग और विचार कौशल के प्रति प्रतिबद्धता को पहचाना। वह सोलाना समर कैंप हैकथॉन-2022 के दूसरे विजेता भी हैं जिसमें 850 अंतर्राष्ट्रीय टीमों ने भाग लिया था।