गाँधी होते तो संविधान सभा की प्रथम बैठक में ‘हिन्दी’ देश की राष्ट्रभाषा बनायी जाती : डा अनिल सुलभ
पटना : संविधान बनने तक यदि महात्मा गाँधी जीवित रहते तो भारतीय संविधान का स्वरूप कुछ और ही रहता। संविधान-सभा की प्रथम बैठक में ‘हिन्दी’ भारत की राष्ट्रभाषा घोषित हुई…