ओडिशा सीएम के निजी सचिव रहे 2000 बैच के आईएएस अधिकारी वी.के.पांडियन ने वीआरएस ले लिया है I राज्य में एक तरफ जहां लोग उनको नवीन पटनायक का उत्तराधिकारी बता रहे हैं, तो वहीं पांडियन के बढ़ते कद से बीजेडी में नाराजगी भी है I हालांकि सीएम पटनायक ने उन्हें अपना सलाहकार बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया है I

ओडिशा में भगवान जगन्नाथ के बाद घर- घर में जाने जाना वाला दूसरा नाम नवीन पटनायक का हैI जब साल 2000 में पटनायक पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे I तब से लगातार पांच बार के सीएम नवीन पटनायक अगले साल छठी बार सरकार बनाने के लिए चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं I अगर इस बार भी वे चुनाव जीत जाते हैं तो देश में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता बन जाएंगेI अभी ये रिकॉर्ड पवन चामलिंग के नाम है I

ओडिशा की राजनीति में क्या होगा पांडियन का कद ?

नवीन पटनायक के ताजा फैसले से कोई हैरान नहीं है, लेकिन इसकी टाइमिंग को लेकर लोगों में कई तरह के सवाल हैं I पटनायक ने अपने पर्सनल सेक्रेटरी वीके पांडियन को IAS की नौकरी से रिटायरमेंट लेने की इजाजत दी I उनका वीआरएस मंजूर होते ही उन्हें अपना सलाहकार बना कर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया I पांडियन को ओडिशा के 5T कमीशन का चेयरमैन बनाया गया है I ये एक तरह से पांडियन का ही ड्रीम प्रोजेक्ट हैI ओडिशा के सत्ता के गलियारों में पिछले दस सालों से पटनायक के बाद पांडियन ही सबसे ताकतवर चेहरा रहे हैं I क्या वे अगले साल लोकसभा के साथ होने वाला विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं या फिर नवीन पटनायक उन्हें राज्य सभा का सांसद बनाना चाहते हैं I इस बात की भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि पांडियन को बीजेडी का संगठन मंत्री भी बनाया जा सकता है I

कौन हैं IAS वी.के. पांडियन?

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी सचिव वी.के. पांडियन ने वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने का फैसला किया। केंद्र सरकार की तरफ से उनके आवेदन के स्वीकार भी कर लिया है। इसी के साथ ही अटकलें तेज हो गई हैं कि अधिकारी अब राज्य की राजनीति में एंट्री कर सकते हैं। हालांकि, इसे लेकर उन्होंने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। ओडिशा के राजनीतिक गलियारों में भी पांडियन काफी प्रभावी चेहरा माने जाते हैं। 49 वर्षीय पांडियन तमिल हैं और पंजाब कैडर के IAS अधिकारी थे।

हालांकि, उन्होंने ओडिशा की IAS अधिकारी सुजाता रौत से शादी करने के बाद कैडर ओडिशा बदल लिया था। पांडियन को ओडिशा में कई सरकारी योजनाओं का सूत्रधार भी माना जाता है। कभी कैमरा से बचने वाले पांडियन अब एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी खुद की कैमरा टीम साथ लेकर चलते हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 10 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

पांडियन साल 2011 से ही मौजूदा पद पर थे। खबरें हैं कि मयूरभंज और गंजाम यानी सीएम का गृह जिला कलेक्टर के तौर पर संभालने के बाद उनका कद तेजी से बढ़ा। ऐसा कहा जाता है कि गंजाम में किए गए कामों की वजह से वह सीएम पटनायक की नजरों में आ गए। खास बात है कि वह एक बार भी सेंट्रल डेप्युटेशन पर नहीं गए।

ऐसा माना जाता है कि पटनायक के पूर्व सलाहकार और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी प्यारीमोहन महापात्र के जाने के बाद पांडियन सीएम के करीबियों में शामिल हो गए थे। खास बात है कि पटनायक ने जब पांचवी बार ओडिशा के सीएम के तौर पर शपथ ली, उस दिन पांडियन का जन्मदिन था। बीते कुछ सालों में मंत्रियों और विधायक भी सीएम से मुलाकात के लिए पांडियन के सामने लाइन लगाते देखे गए हैं।