Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the all-in-one-seo-pack domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u479135809/domains/newsbharat24.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the disable-gutenberg domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u479135809/domains/newsbharat24.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the web-stories domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u479135809/domains/newsbharat24.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
BJP ने MLC हरि सहनी को बिहार विधान परिषद का नेता प्रतिपक्ष बना कर एक तीर से साधे कई निशाने - News Bharat 24

एक दांव और तीन मोर्चे पर फतह- कुछ इसी लक्ष्य के साथ रविवार को भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा फैसला लिया। सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद ही यह तय था कि विधान परिषद् में नेता प्रतिपक्ष बदला जाएगा। लेकिन, सहनी! कई खेल हैं इसमें।

पटना : केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय पिछले दिनों पटना में रहे तो बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी की प्रदेश कार्यसमिति को हरी झंडी मिल गई। इस बार आए तो सम्राट चौधरी की दो में से एक कुर्सी तीन लक्ष्य के साथ दूसरे नेता को सौंप दी गई। सम्राट चौधरी अब बिहार विधान परिषद् में नेता प्रतिपक्ष नहीं रहे। उनकी जगह हरि सहनी को यह जिम्मेदारी दी गई। क्यों? एक नहीं, तीन कारण हैं। पहला तो इससे मछुआरा जाति को साध लिया गया, जिसपर विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के मुकेश सहनी हक जता रहे थे। इसके अलावा, पार्टी ने मिथिलांचल को साधने की अंतिम चाबी लगा दी। और, तीसरा यह कि इसके जरिए पार्टी ने अति पिछड़ा पर महागठबंधन का सारा गणित फेल करना चाहती हैI

नीतीश के सामने फिर नई चुनौती

सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड (JDU) के साथ ही लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पिछले कुछ समय से अति पिछड़ा को लेकर संवेदनशीलता दिखा रही थी। जदयू भाजपा में अति पिछड़ाें की हकमारी और अपने पास प्रतिनिधित्व दिए जाने की बात कह रहा था। अब भाजपा ने यह दांव खेलकर नीतीश कुमार के सामने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। हरि सहनी का चेहरा इसलिए भी मायने रखता है, क्योंकि उन्हें पार्टी ने एक तरह से अचानक प्रोजेक्ट कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधान परिषद् के सदस्य हैं और सहनी यहीं नेता प्रतिपक्ष होंगे। नीतीश का यहां विधान परिषद् सदस्य और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी से भी पाला पड़ेगा, साथ ही अति पिछड़ा वर्ग के हरि सहनी से भी।

वीआईपी की मनमानी पर अंकुश

वीआईपी के सर्वेसर्वा, राज्य के पूर्व मंत्री और सन ऑफ मल्लाह के नाम से प्रसिद्ध मुकेश साहनी के लिए भी भाजपा का यह दांव बड़ा सिरदर्द होगा। मुकेश साहनी लगातार इस बात का दावा कर रहे थे कि मल्लाहों को साथ लाने वाला ही केंद्र की कुर्सी पर बैठेगा। भाजपा ने उनकी ही बात को सही साबित करने के अंदाज में मल्लाह जाति के हरि सहनी को विधान परिषद् के नेता प्रतिपक्ष की अहम जिम्मेदारी देकर वीआईपी की मनमानी पर एक तरह से अंकुश लगा दी है। वीआईपी अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ ही आता है तो ज्यादा मनमानी करने की स्थिति में नहीं होगा, जबकि अगर वह महागठबंधन की ओर रुख करता है तो वहां उसे इस मुकाबले कम ही बड़ा कुछ मिलेगा।

मिथिलांचल एनडीए का बड़ा लक्ष्य

2015 के विधानसभा चुनाव में राजद और जदयू ने साथ मिलकर भाजपा को बुरी तरह हराया था तो जो परिस्थतियां बनी थीं, आज भी उसे पार्टी नहीं भूल सकी है। सभी पार्टियों का ध्यान इस समय मिथिलांचल पर ज्यादा है। जदयू ने दरभंगा की मेयर को अपने साथ किया और सहरसा के सोनवर्षाराज से विधायक रत्नेश सदा को मंत्रीपद दिया। भाजपा बिहार की सरकार से बाहर है तो उसने केंद्र की ओर से मिथिलांचल के लिए झोली खोली। पिछले दिनों जब अमृत भारत स्टेशनों का शिलान्यास किया गया तो मिथिलांचल की कई मांगें एक साथ पूरी कर दी गईं। इसके अलावा, एम्स को लेकर महागठबंधन और एनडीए के बीच रार चल ही रही है। राज्य और केंद्र, दोनों सरकारों में क्रेडिट लेने की होड़ है कि उसने दरभंगा का हित चाहा है। इस बीच मिथिलांचल में प्रस्तावित एम्स के क्षेत्र की विधानसभा सीट से हारने के बाद विधान पार्षद बनाए गए हरि सहनी को यह मौका देकर पार्टी ने अंतिम गेंद एक तरह से फेंक दी हैI