रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन में ग्राम सुराजी योजना के तहत स्थापित किए गए गौठान अब आजीविका संवर्धन एवं आर्थिक सशक्तीकरण का पर्याय बन गए हैं । गौठानों में संचालित मल्टी एक्टिविटी से रोजगार के साधन और अवसर तो बढ़ ही रहे हैं साथ ही महिलाएं अब गांव में ही रहकर अपने आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर रही है। ग्रामीण महिलाएं अब घर की कामकाज तक ही सीमित नहीं है बल्कि आय के साधन जुटाकर परिवार की देखरेख और आर्थिक स्वावलंबन में भरपूर मदद कर रही है।
राज्य सरकार की ग्राम सुराजी योजना के तहत गांव गांव में बने गौठान अब नई तस्वीर प्रस्तुत कर रहे हैं। इन गौठानों में मवेशियों के सुरक्षित रखने से लेकर तमाम गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। यहां गोबर से आजीविका का संवर्धन हो रहा है।महासमुंद जिले का ग्राम सिरपुर जनपद पंचायत सरायपाली अंतर्गत आता है। कस्तूरबा स्वयं सहायता समूह की 10 महिलाओं ने चार वर्ष पहले गौठान में कार्य करने का फैसला लिया था। आज वे गोबर बेचकर तथा वर्मी कंपोस्ट बनाकर लाखों रुपए की आय अर्जित कर रही हैं। इसके साथ ही सब्जी बाड़ी, मुर्गी पालन जैसे आय मूलक गतिविधियां भी अपना रही हैं। समूह की सदस्य ने बताया कि वह पहले घर के चूल्हे-चौके तक ही सीमित थी लेकिन समूह से जुड़ने के बाद और गोठान में काम करने के पश्चात एक नई सोच विकसित हुई है। अब गोठान के माध्यम से वे स्वालंबन की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।
स्टेट ब्यूरो ईश्वर कुमार की रिपोर्ट