बिहार में शहरी निकायों के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है. राज्य निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को बताया कि राज्य में नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होगी. आयोग ने बिहार के 261 नगर निकायों में चुनाव की तैयारियां कर ली है, जिसमें 19 नगर निगम, 88 नगर परिषद और 154 नगर पंचायतों के लिए चुनाव की तारीख का ऐलान किया गया है. बता दें कि 10 सितंबर से पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू होगी. पहले चरण में 10 अक्टूबर को मतदान होगा और 12 अक्टूबर को पहले चरण की मतगणना होगी. उसी दिन चुनाव के नतीजे आ जाएंगे. वहीं दूसरे चरण के तहत 20 अक्टूबर को मतदान और 22 अक्टूबर को मतगणना की जाएगी. दूसरे चरण के लिए 16 सितंबर को अधिसूचना होगी. नगर निकाय चुनाव के लिए मतदान सुबह 7 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक चलेगा. नगर निकाय चुनाव के तहत वार्ड पार्षद, उप मुख्य पार्षद या उप मेयर और मुख्य पार्षद या मेयर पद के लिए मतदान कराया जाएगा.बता दें कि पहले चरण में 37 जिलों के 68 नगर परिषद और 88 नगर पंचायत मिलाकर कुल 3346 वार्ड में मतदान होगा. पहले चरण में मतदान केंद्रों की कुल संख्या 6965 है. सभी तीन पदों के लिए नगर निकाय वार आरक्षण सूची आयोग ने जारी कर दिया है,
महापौर और उप महापौर का पद आरक्षित
लिस्ट के मुताबिक, अति पिछड़ा वर्ग के लिए महापौर के तीन पद आरक्षित किए गए हैं. इनमें बिहारशरीफ, भागलपुर और मुजफ्फरपुर के महापौर पद शामिल हैं. इसके अलावा अनुसूचित जाति के लिए गया नगर निगम और समस्तीपुर नगर निगम में महापौर और उप महापौर का पद आरक्षित किया गया है. वहीं उप महापौर पद के लिए पटना नगर निगम, भागलपुर और मुजफ्फरपुर नगर निगम के पद आरक्षित किए गए हैं.
आयोग ने प्रचार के लिए तय की सीमा
राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरपालिका चुनाव में प्रत्याशियों की चुनावी खर्च की सीमा भी निर्धारित कर दी है. आयोग के अनुसार, नगर निगम क्षेत्र में चार से दस हजार आबादी वाले वार्ड में अधिकतम 60 हजार रुपये खर्च करने की अनुमति होगी, जबकि दस से बीस हजार की आबादी वाले वार्ड में 80 हजार रुपये तक चुनाव में खर्च किए जा सकेंगे. इसी तरह नगर पंचायत में वार्ड पार्षद अधिकतम 20 हजार रुपये, नगर परिषद के वार्ड पार्षद उम्मीदवार 40 हजार रुपये तक अधिकतम खर्च कर सकेंगे.