सहकारिता के दिग्गज नेता रहे अजित सिंह के बेटे और भाजपा नेता विशाल सिंह बिस्कोमान के नए अध्यक्ष बन गए हैं। विशाल सिंह ने राजद नेता और 21 साल से बिस्कोमान पर काबिज सुनील सिंह की पत्नी वंदना सिंह को हरा दिया।
पटना : भारतीय जनता पार्टी के नेता और भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) के चेयरमैन विशाल सिंह बिहार स्टेट कोआपरेटिव मार्केटिंग यूनियन (बिस्कोमान) के अध्यक्ष बन गए हैं। बिस्कोमान के संस्थापक तपेश्वर सिंह के पोते और दिग्गज सहकारिता नेता अजित सिंह के बेटे विशाल सिंह ने 21 साल से बिस्कोमान पर काबिज राजद नेता सुनील सिंह की पत्नी वंदना सिंह को हराकर चुनाव जीता है। झारखंड हाईकोर्ट से चुनाव नतीजों पर रोक हटने के बाद पटना के डीएम ने रिजल्ट जारी कर दिया है। विशाल के साथ महेश राय उपाध्यक्ष चुने गए हैं। विशाल भाजपा के दबंग नेता बृजभूषण शरण सिंह के इकलौते दामाद भी हैं।
विशाल अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं, जो सहकारिता राजनीति में पूरे दम-खम से उतर गए हैं। दो साल पहले ही वो एनसीसीएफ के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए थे। उनके दादा तपेश्वर सिंह बिस्कोमान के संस्थापकों में थे और लंबे समय तक इसके अध्यक्ष रहे। तपेश्वर सिंह बिक्रमगंज से 1980 और 1984 में कांग्रेस से लोकसभा चुनाव भी जीते।
तपेश्वर सिंह के बाद विशाल सिंह के पिता अजित सिंह का इस पर कब्जा रहा। अजित सिंह भी 2004 में बिक्रमगंज से जेडीयू के लोकसभा सांसद बने। 2007 में एक सड़क दुर्घटना में उनके निधन के बाद पत्नी मीना सिंह ने उपचुनाव जीता और फिर परिसीमन के बाद 2009 में आरा से लोकसभा चुनाव जीतीं। 2023 में मीना बेटे विशाल के साथ जेडीयू छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई थीं।
बिस्कोमान चुनाव को लेकर लंबे समय से गतिरोध चल रहा था। कई बार इसके चुनाव की डेट भी बदली। आखिरकार जब चुनाव हुआ तो सुनील सिंह झारखंड हाईकोर्ट चले गए जिसने स्टे दे दिया। हाईकोर्ट से मंगलवार को स्टे हटने के बाद चुनाव नतीजे का रास्ता खुल गया था। सुनील सिंह राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई हैं और इस लिहाज से लालू यादव के माननीय साले। सुनील राजद के विधान पार्षद भी हैं और सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिमिक्री करने के लिए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उनकी बहाली हुई।