पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज भोजपुर जिला के कोईलवर में बिहार राज्य मानसिक स्वास्थ्य एवं सहबद्ध विज्ञान संस्थान के निर्मित परिसर का फीता काटकर एवं शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने दीदी का सिलाईघर प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र का भी फीता काटकर उद्घाटन किया एवं उसके पश्चात् उसका निरीक्षण किया। बिहार राज्य मानसिक स्वास्थ्य एवं सहबद्ध विज्ञान संस्थान के भवन का उद्घाटन करने के पश्चात् मुख्यमंत्री ने ओ०पी०डी० सर्विस ब्लॉक सहित अन्य विभागों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने जीविका द्वारा संचालित दीदी की रसोई का भी मुआयना किया और वहां की भोजन की व्यवस्था के संबंध में विस्तृत जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने परियोजना से संबंधित गैलरी का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यहां उपस्थित सभी लोगों का अभिनंदन करता हूं बहुत खुशी की बात है कि बिहार राज्य मानसिक स्वास्थ्य एवं सहबद्ध विज्ञान संस्थान की आज औपचारिक शुरुआत हो गई है। वर्ष 2002 से ही बिहार सरकार ने प्रयास किया कि यहां पर मानसिक स्वास्थ्य के इलाज का काम शुरू हो सके। हमने इस स्थल को कई बार निरीक्षण किया और उसके बाद यहां मानसिक स्वास्थ्य एवं सहबद्ध विज्ञान संस्थान को बनाने का निर्णय लिया। यहां टी०बी० हॉस्पिटल पहले से ही संचालित था, उसको भी हम देखने के लिए यहां आए थे। भवन जर्जर हो चुका था और टी.बी. अस्पताल को बंद कर दिया गया। मानसिक अस्पताल के लिए नए भवन को बनाने का निर्णय लिया गया और वर्ष 2017 में इसका शिलान्यास किया गया। मुझे खुशी है कि आज इसका उद्घाटन करने का भी मौका मिला है। इस अस्पताल के शुरूआत होने से जिनको भी कोई मानसिक रोग होगा तो उनका इलाज यहां ठीक ढंग से हो सकेगा।

272 बेड का यह अस्पताल होगा इसमें से 180 बेड आज से शुरू हो गया है बाकि बचे हुए कार्य तीन माह में हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि यहां चिकित्सा कार्य ठीक ढंग से हो सके, इसके लिए सारी व्यवस्था की गई है। अगर चिकित्सकों, कर्मचारियों की और आवश्यकता होगी तो उनकी बहाली की जाएगी। बिहार से ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी बेहतर इलाज के लिए लोग यहां आएंगे। इस अस्पताल तक पहुंचने के लिएसभी जगहों से आवागमन भी सुलभ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अस्पताल में जीविका समूह की दीदियों द्वारा भोजन की व्यवस्था की जा रही है। मरीजों को प्रतिदिन तय मीनू के अनुसार पौष्टिक एवं शुद्ध भोजन देने की व्यवस्था की गई है जिसमें सुबह नाश्ता, दिन में भोजन, शाम में नाश्ता और रात का भोजन शामिल है। सभी सरकारी अस्पतालों में जीविका दीदियों के माध्यम से भोजन की व्यवस्था की जा रही है। आज हमने यहां दीदी का सिलाईघर एवं प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र का भी निरीक्षण किया है। यहां मरीजों के लिए पोशाक बनाए जाएंगे राष्ट्रपिता बापू के विचारों को मानने वाले हमलोग हैं। हमने कहा है कि यहां मरीजों के लिए पोशाक खादी के बनाए जाएं और सतरंगीचादर हैंडलूम के बनाए जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां मानसिक चिकित्सा की पी०जी० की पढ़ाई भी होगी। साथ ही नर्सिंग की पढ़ाई की व्यवस्था भी रहेगी। टेली मेडिसीन की भी यहां सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि सभी प्राईमरी हेल्थ सेंटर में 6 बेड की जगह पर 30 बेड की व्यवस्था की जा रही है ताकि लोगों को इलाज में सहूलियत हो 434 प्राईमरी हेल्थ सेंटर में से 281 में इसका निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है और बाकी बचे हुए निर्माण कार्य को भी पूर्ण किया जाएगा। पहले देश में कहीं भी ट्रीटमेंट कराने के दौरान मुफ्त में दवा नहीं मिलती थी, हमलोगों ने मुफ्त दवा देने का काम शुरु किया। मरीजों के लिए मुफ्त दवा का जो इंतजाम किया जा रहा है वह निश्चित तौर पर अस्पतालों में रहना चाहिए। कई जगह हमने सुना है कि दवा का इंतजाम रहने के बाद भी लोगों को बाहर से ही दवा लाना पड़ता है इसका ध्यान रखें कि किसी व्यक्ति को बाहर से दवा लाने की जरूरत न पड़े। उन्होंने कहा कि अस्पताल को बनाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा लगभग 150 करोड़ रुपये दिये जाते हैं जबकि हमलोगों को जमीन खरीदने में पैसा लगता है और अस्पताल बनाने में राज्य सरकार को अपनी तरफ से 350 करोड़ रुपये भी ज्यादा लगाना पड़ता है और कहा जाता है कि यह केंद्र सरकार का अस्पताल है। राज्य सरकार 1000 करोड़ रुपये तक अस्पताल बनाने के लिए खर्च करती है। हमलोग अपनी तरफ से अधिक से अधिक अस्पताल बनवाएंगे ताकि किसी को इलाज कराने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो हमलोगों की कोशिश होगी कि सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनायें। हमलोग सभी जगह नर्सिंग कॉलेज भी बनवा रहे हैं, इसमें लोग पढ़ेंगे और उन्हें काम करने का भी मौका मिलेगा। हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को अवसर मिले। हमलोगों को ध्यान रखना है कि यहां के नवनिर्मित भवन के मेंटेनेंस का भी काम हो। सात निश्चय- 2 के अंतर्गत जो भी काम है उस काम को आगे बढ़ाया जाएगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई कार्य किए गए हैं। राजवंशी नगर पटना में हड्डी संबंधित रोगों और राजेंद्रनगर पटना में आंखों के इलाज के लिए विशिष्ट अस्पताल बनाया गया है। न्यू गार्डिनर अस्पताल में भी इलाज की बेहतर व्यवस्था की गई है। आई०जी०आई०एम०एस० में आई बैंक और आधुनिक किडनी ट्रांसप्लांट की व्यवस्था की जा रही है पी०एम०सी०एच० को राष्ट्रीय स्तर के सबसे ज्यादा बेड वाले अस्पताल के रूप में निर्मित किया जा रहा है। सभी का बेहतर तरीके से इलाज हो सके इसके लिए हमलोग प्रयासरत् हैं। बिहार राज्य मानसिक स्वास्थ्य एवं सहबद्ध विज्ञान संस्थान के संबंध में लोगों के बीच में प्रचारित कराएं ताकि इस संस्थान के बारे में लोग जान सकें और यहां इलाज के लिए आएं। उन्होंने कहा कि लोगों को स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। इसके लिए जो भी और जरूरत होगी सरकार अपनी तरफ से पूरा इंतजाम करेगी।