पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 422 करोड रुपये लागत से निर्मित अशोक राजपथ पर कारगिल चौक (गांधी मैदान) से साइंस कॉलेज भाया पीएमसीएच डबल डेक फ्लाईओवर का कारगिल चौक के पास आयोजित कार्यक्रम स्थल पर फीता काटकर एवं शिलापट्ट अनावरण कर लोकार्पण किया। लोकार्पण के पश्चात् मुख्यमंत्री ने कारगिल चौक से साइंस कॉलेज और साइंस कॉलेज से कारगिल चौक तक डबल डेक फ्लाईओवर का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने डबल डेक फ्लाईओवर पर रूककर पीएमसीएच से इसके कनेक्टिविटी के संबंध में जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह डबल डेक फ्लाईओवर बहुत अच्छा बना है। इस पथ के निर्माण से अशोक राजपथ में जाम की समस्या से निजात मिलेगी और यातायात व्यवस्था सुगम होगी।

 

ज्ञातव्य है कि डबल डेक फ्लाईओवर का कार्य प्रारम्भ जनवरी, 2022 में हुआ था, जिसका निर्माण पूर्ण हो गया है। इस पथ का निर्माण अशोक राजपथ के ऊपर दो लेयर (डेक) में किया गया है, जो गांधी मैदान के पास कारगिल चौक से प्रारम्भ होकर पीएमसीएच होते हुए साइंस कॉलेज तक जाता है। एलिवेटेड कॉरिडोर के ऊपरी डेक (टीयर-II) की लम्बाई 2175.50 मीटर है जो गांधी मैदान से साइंस कॉलेज तक जाता है। ऊपरी डेक (टीयर-II) गांधी मैदान से साइंस कॉलेज की तरफ जानेवाले यातायात के लिए है। नीचे के डेक (टीयर-1) की लम्बाई 1449.30 मीटर है जो पटना कॉलेज से गांधी मैदान की तरफ बी०एन० कॉलेज मेन गेट तक आता है। नीचे के डेक (टीयर-1) पटना कॉलेज से गांधी मैदान की तरफ जाने वाले यातायात के लिए है। डबल डेक पथ से पी०एम०सी०एच० को संबद्धता प्रदान करने हेतु (टीयर-1) एवं (टीयर-II) दोनों तलों से प्रावधान किया गया है। इस पथ के डेक की चौड़ाई 8.5 मीटर है।

राजकीय उर्दू पुस्तकालय के नये भवन का किया उद्घाटन

इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने 3 करोड 7 साख 31 हजार रूपये की राशि से नवनिर्मित राजकीय उर्दू पुस्तकालय, पटना के नये भवन का शिलापट्ट अनावरण कर एवं फीता काटकर उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने नये भवन का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि यहाँ पठन-पाठन हेतु शान्त वातावरण एवं मूलभूत सुविधाएं मौजूद है, जिससे अध्ययनकर्ताओं को अध्ययन में सहजता महसूस होती है। पुस्तकालय के इस नये भवन के बन जाने से अब पाठकों एवं शोधकर्ताओं को और सहूलियत होगी। यहां सारी व्यवस्थायें ठीक रखें और भवन को मेंटेन रखें।

 

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने मुख्यमंत्री को पुस्तक भेंटकर उनका स्वागत किया। ज्ञातव्य है कि राजकीय उर्दू पुस्तकालय, पटना की स्थापना वर्ष 1938 ई० में दो मंजिला भवन में हुई थी, जो अशोक राजपथ के खजांची रोड मोड़ के सामने अवस्थित है। इस पुस्तकालय में लगभग 50-60 पाठक एवं शोधकर्ता प्रतिदिन पठन एवं अध्ययन हेतु आते है। यहां उर्दू लिपि के अतिरिक्त हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, फारसी एवं अरबी भाषा में भी किताबें मौजूद हैं। इस पुस्तकालय में लगभग 40 हजार पुस्तकें उपलब्ध हैं।

सामान्य प्रतियोगिता परीक्षा से संबंधित कई विषयों की पुस्तकें तथा वर्ग 3 से वर्ग 12 तक एनसीआरटी की पुस्तकें, पुस्कालय विज्ञान, पत्रकारिता आदि की पुस्तकें भी उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त महत्त्वपूर्ण एवं प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु हिन्दी, अंग्रजी तथा उर्दू की पत्रिकायें प्रत्येक माह आती हैं साथ ही इन भाषाओं की अखबार भी नियमित रूप से आती हैं। कई राज्यों के शोधकर्त्ता एवं विद्यार्थी भी इस पुस्तकालय में आते हैं। पुस्तकालय में पुस्तकों की अधिकता तथा अध्ययनकर्ताओं / शोधकर्ताओं की संख्या में बढ़ोत्तरी को देखते हुए राज्य योजना अन्तर्गत इस पुस्तकालय के नये भवन निर्माण कराया गया है। इस नवनिर्मित जी0+4 पुस्तकालय भवन में फर्नीचरों एवं उपस्करों की आवश्यकतानुसार व्यवस्था की गयी है।